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रेल यात्रियों को कम कीमत पर मिलेंगी दवाइयां, बिहार के इन स्टेशनों पर खुलेगा जन औषधि केंद्र

Bihar: भारतीय रेल ने यात्रियों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए 61 स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने का फैसला किया है. रेलवे का मुख्य मकसद है कि यात्रियों को इमरजेंसी में स्टेशन पर ही कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध हो सके. इस पहल के तहत हाजीपुर जोन के आरा, हाजीपुर, छपरा जैसे कई स्टेशनों पर जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे.

Bihar: रेल में यात्रा करने के दौरान कई यात्रियों की तबियत बिगड़ जाती है या कई मरीज एक जगह से दूसरी जगह इलाज के लिए जाते हैं. यात्रा के बीच किसी यात्री को दवाइयों की जरूरत पड़ती है तो बहुत मुश्किल से उपलब्ध हो पाती है वो भी ज्यादा रेट पर. इसी बीच भारतीय रेल ने यात्रियों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए 61 स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने का फैसला किया है.

रेलवे का मुख्य मकसद है कि यात्रियों को इमरजेंसी में स्टेशन पर ही कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध हो सके. इस पहल के तहत हाजीपुर जोन के आरा, हाजीपुर, छपरा जैसे कई स्टेशनों पर जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे. बता दें कि रेलवे ने पिछले कुछ महीनों में 50 स्टेशनों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले हैं. इनमें पूर्व मध्य रेलवे के पटना जंक्शन, दरभंगा और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन शामिल हैं.

बिहार के इन 5 स्टेशनों पर खुलेगा जन औषधि केंद्र

इस पहल की सफलता और लोगों के अंदर भरपूर उत्साह को देखते हुए भारतीय रेल द्वारा बिहार में 5 और स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने का फैसला किया गया है. ये केंद्र बिहार के आरा, हाजीपुर, समस्तीपुर, छपरा और भागलपुर स्टेशनों पर खोले जाएंगे. स्टेशनों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के स्टॉल लगाने के लिए इच्छुक लोगों से निविदाएं मांगी गई हैं. चुने गए लोगों को अगस्त के पहले हफ्ते तक आउटलेट बनाकर देना अनिवार्य है. इससे न सिर्फ लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि सस्ती दवाइयां भी मिलेंगी.

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना क्या है

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र का मुख्य मकसद है कि सभी लोगों, खासकर गरीबों और जरूरतमंदों को कम कीमत पर अच्छी दवाइयां मिल सके. जिससे लोगों के इलाज पर होने वाले खर्च में कमी आए. बता दें कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों पर 1963 प्रकार की दवाइयां और 293 सर्जिकल उपकरण उपलब्ध हैं जो आसानी से मिल जाएंगे. इनमें दिल, कैंसर, शुगर, इंफेक्शन, एलर्जी, पेट की बीमारियों से जुड़ी कई दवाइयां और पोषक तत्व शामिल हैं. इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इन केंद्रों पर कई आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स भी मिलते हैं जो लोगों को सस्ती कीमतों पर आसानी से मिल जाते हैं.

कब आया जन औषधि योजना

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) लोगों को सस्ती कीमत पर अच्छी दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा संचालित एक पहल है. जिसकी शुरुआत साल 2008 में हुई थी. सितंबर 2015 में ‘जन औषधि योजना’ को प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMJAY) नाम दे दिया गया. नवंबर 2016 में इस योजना को और विकसित करने के लिए इसका नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’ (PMBJP) कर दिया गया.

Abhinandan Pandey
Abhinandan Pandey
भोपाल से शुरू हुई पत्रकारिता की यात्रा ने बंसल न्यूज (MP/CG) और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुभव लेते हुए अब प्रभात खबर डिजिटल तक का मुकाम तय किया है. वर्तमान में पटना में कार्यरत हूं और बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को करीब से समझने का प्रयास कर रहा हूं. गौतम बुद्ध, चाणक्य और आर्यभट की धरती से होने का गर्व है. देश-विदेश की घटनाओं, बिहार की राजनीति, और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि रखता हूं. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स के साथ प्रयोग करना पसंद है.

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