बिहारशरीफ. शादी का झांसा देकर नाबालिग से पांच वर्षों तक शारीरिक शोषण करने के मामले में बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है. विशेष पॉक्सो न्यायाधीश सह सत्र न्यायाधीश-4 प्रकाश कुमार सिन्हा की अदालत ने आरोपित को बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में उसे अतिरिक्त छह माह की साधारण कैद भुगतनी होगी. यह मामला महिला थाने से संबंधित है. अदालत ने बड़ी पहाड़ी मोहल्ला निवासी चंद्रदीप कुमार को दोषी ठहराया, जो नालंदा जिला परिषद में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जगत नारायण सिन्हा ने कुल 10 गवाहों की गवाही करायी, जिससे आरोप प्रमाणित हुए. 2015 में पहचान और फिर पांच साल तक शोषण : वर्ष 2015 में पीड़िता की पहचान चंद्रदीप से दोस्तों के माध्यम से हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच मोबाइल पर बातचीत होने लगी. चंद्रदीप ने शादी का झांसा देकर पीड़िता से संबंध बनाये और जब वह गर्भवती हुई, तो बहला-फुसलाकर गर्भपात करवा दिया. वर्ष 2021 में जब पीड़िता ने शादी की बात उठाई, तो चंद्रदीप टालने लगा. बाद में पीड़िता ने आरोपित के घरवालों से संपर्क किया. इस पर आरोपित के पिता राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि बेटी की शादी के बाद उसकी शादी कर देंगे. 19 नवंबर 2021 को बहन की शादी हो जाने के बाद पीड़िता फिर से शादी के लिए कहने गयी, लेकिन इस बार चंद्रदीप ने साफ इनकार कर दिया. जब पीड़िता ने विरोध किया, तो आरोपित समेत उसके परिजनों ने 20 लाख रुपये की मांग की. रुपये देने से इनकार करने पर पीड़िता को गाली-गलौज कर घर से भगा दिया गया. इन घटनाओं से आहत होकर पीड़िता ने महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी, जिसके बाद पूरे मामले की जांच हुई और कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपित को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी. इस फैसले को पीड़िता के न्याय की जीत और महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में अहम माना जा रहा है.
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