बिहारशरीफ. भगवान गौतम बुद्ध ने हजारों वर्षों पूर्व दुनिया को शांति का संदेश दिया था, जो आज भी पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है. उक्त बातें सोमवार को स्थानीय केएसटी कॉलेज सोहसराय में बुद्ध जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कही. उन्होंने कहा कि राज घराने में जन्म लेकर भी उन्होंने सभी प्रकार की सुख सुविधाओं का त्याग कर ज्ञान की खोज में निकल गए थे. लंबी तपस्या के बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था. उन्होंने लोगों को अष्टांगिक मार्ग दिखाया तथा उनकी शिक्षा चार आर्य सत्य पर आधारित है . भगवान बुद्ध के अनुसार मानवता से बढ़कर कोई धर्म नहीं है. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म को अपनाने वाले देश आज दुनिया के संपन्न देशों में गिने जाते हैं. बौद्ध धर्म संयमित जीवन जीने का संदेश देता है. हम सभी को भगवान बुद्ध के उपदेशों पर चलना चाहिए. इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजीत कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसवी पूर्व नेपाल के लुंबिनी वन में राज परिवार में हुआ था. लेकिन वे दुनिया के दु:खों को देखकर विचलित हो गए. वे 29 वर्ष की उम्र में सत्य की खोज में गृह त्याग कर दिया था. बोधगया के बोधि वृक्ष के नीचे 12 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था. उन्होंने समाज में फैले हुए पाखंडों का खंडन कर लोगों में ज्ञान की ज्योति जलाई थी. देश के साथ-साथ कई दूसरे देशों में भी भगवान बुद्ध के संदेशों को लोगों ने अपने जीवन में उतारा तथा आज भी भगवान बुद्ध के अनुयाई उनके आदर्शों पर चलकर अपने जीवन को खुशहाल बना रहे हैं. इसके पूर्व स्थानीय नव नालंदा महाविहार के बौद्ध भिक्षु डॉ अशन इंदसारा, अशन शयजार नंदा, अशन सुनंदा तथा अशन साबिता के द्वारा कॉलेज के बुद्ध मंदिर में मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की गई. लोगों के द्वारा भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष कैंडल जलाकर उन्हें नमन किया गया. इस अवसर पर कॉलेज के डॉ केशरी किशोर, डॉ जयराम प्रसाद, डॉ अजय कुमार, डॉ सत्येंद्र प्रसाद, प्रो सौरभ कुमार, प्रो उज्जवलानंद गिरि , प्रो सुनील कुमार, प्रो ज्ञानेश्वरी सिन्हा, प्रो स्नेहलता कुमारी, डॉ आशा प्रसाद, दीनानाथ प्रसाद, जनक पासवान सहित अन्य शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी मौजूद थे.
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