बिहारशरीफ. हर सुख-दुख में रहेंगे साथ-चुनावी मंच से दिये गये इस नारे को अब जनता याद कर रही है, लेकिन जिन्हें याद दिलाना है, वो अब नजर नहीं आ रहे. बात हो रही है नगर निगम के मेयर साहब की, जिन्होंने शहर को महानगर बनाने, हर वार्ड को पहचान दिलाने और स्मार्ट सिटी का सपना दिखाकर जनता का विश्वास जीता. लेकिन अब वही मेयर साहब खुद को वीआईपी साबित करने में लगे हैं और जनता अपने हाल पर है. बारिश की एक रात ने स्मार्ट सिटी के दावों को बहा दिया. सोमवार की देर रात से मंगलवार की सुबह तक हुई जोरदार बारिश ने बिहारशरीफ की सूरत बिगाड़ दी. पानी निकासी की बदहाल व्यवस्था के कारण पूरे शहर में जलजमाव हो गया. गलियों से लेकर वीआईपी इलाकों तक हर जगह पानी ही पानी. नतीजा ये कि साहब का आवास हो या गरीबों का इलाज कराने वाला सरकारी अस्पताल सब जगह जलजमाव की एक जैसी तस्वीर. सड़कें बनीं खतरनाक और चैंबर बने जानलेवा : हर ओर कीचड़ और पानी से लथपथ रास्ते, चेंबरों में भरा पानी, और गड्ढों ने राहगीरों की जान सांसत में डाल दी है. बाइक, स्कूटी, साइकिल सवार और पैदल चलने वाले हर वक्त खतरे में हैं. जिला अस्पताल, एसपी आवास, दंडाधिकारी और सिविल सर्जन कार्यालय तक जलमग्न हो गये. कई मोहल्लों में अधूरे नाले और उखड़े निर्माण कार्यों ने गलियों को जाल जैसा बना दिया है. टिकुलीपर में एक स्कूली बच्चा इसी जलजमाव और अधूरे निर्माण के कारण अपनी जान गंवा बैठा, लेकिन अफसोस न प्रशासन चेता, न निर्माण एजेंसियों ने सुध ली. प्रश्न वही और जवाब कौन देगा : क्या स्मार्ट सिटी सिर्फ शिलापट्टों और भाषणों तक सीमित रहेगा? क्या मेयर साहब जनता को अब चुनाव में ही दिखाई देंगे? बिहारशरीफ की जनता अब जवाब चाहती है. काम में ईमानदारी और निर्माण में गुणवत्ता कब दिखेगी. जनता की मांग है कि जांच कर कार्रवाई हो : शहरवासी चाहते हैं कि स्मार्ट सिटी के नाम पर किये जा रहे निर्माण कार्यों की निष्पक्ष जांच हो. जिन एजेंसियों ने लापरवाही की है, उन पर सख्त कार्रवाई हो. गलियों से लेकर मुख्य सड़कों तक पानी ही पानी : तेज बारिश ने शहर की बदहाल जलनिकासी व्यवस्था की पोल खोल दी. सड़क से लेकर संकरे गलियों तक चारों ओर पानी ही पानी नजर आया. बारिश के बाद रांची रोड, अस्पताल रोड, कृषि कार्यालय, जीवन ज्योति, नाला रोड (गायत्री मंदिर), मुसादपुर, देवीसराय, रामचंद्रपुर न्यू पटेल नगर, गांधी नगर, उत्तरी गांधी नगर, मंसूर नगर, छोटी पहाड़ी, रामचंद्रपुर बस स्टैंड, रांची रोड बस स्टैंड, बरबीघा बस स्टैंड और सब्जी मंडी जैसे इलाकों में पानी जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. कई मोहल्लों में बारिश के घंटों बाद तक दो से तीन फीट तक पानी जमा रहता है, जिससे लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है. खुले नाले पानी से लबालब भर जाते हैं, जिससे सड़क और नाले का फर्क ही नहीं रह जाता. ऐसे में बाइक सवार से लेकर पैदल चलने वाले लोग अक्सर खुले नाले में गिरकर घायल हो जाते हैं. यह स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि छोटे बच्चों की जान तक खतरे में पड़ जाती है. शहरवासियों का कहना है कि हर बारिश के बाद यही हाल होता है, लेकिन ना तो कोई स्थायी समाधान निकाला गया और न ही जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि कभी मौके पर नजर आते हैं.
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