बिंद. बिंद प्रखंड के जमसारी पंचायत के किसानों को इन दिनों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के मंसुबे पर जीराईन, गोइठवा नदी ने पानी फेर दिया. जमसारी पंचायत खंधा के पानी कि निकासी पूल कथराही व गुरुकूल स्कूल समीप बंद रहने से किसान परेशान हैं. एक हजार एकड़ से अधिक जमीन में लगी धान कि फसल सब पानी में डूबा है. धान कि फसल पानी में डूबा रहने से जमसारी, बरहोग, सतकपुर, दरियापुर, गोविन्दपुर, लालूविगहा व बकरा गांव के किसान काफी परेशान हैं. किसान संजीव कुमार, सूरज कुमार, आनिल कुमार, शत्रुमर्दन शाही, सतेन्द्र कुमार, साधूशरण प्रसाद, शिवदसानी प्रसाद अनिरुद्ध प्रसाद, अखिलेश प्रसाद, सुजीत कुमार, अजय कुमार व अन्य ने बताया कि उतरथु खंधा का पानी जमसारी खंधा में फैलने से किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया. किसानों कि जमा पूंजी सब पानी ने बर्बाद कर दिया है. किसानों के जमा पूंजी व अनाज खेतों की जोताई, धान की रोपनी व उर्वरक में खर्च हो गये. एक बीघा धान की रोपनी कराने में चार हजार रुपये से अधिक लागत आती है. सबसे ज्यादा परेशानियां गैर रैयत किसानों को हो रही है. गैर रैयत किसान खेत मालिक को नगद रुपये देकर एक वर्ष के लिए खेत लिया था. नकद रुपये पर खेत लेकर धान कि रोपनी किया था. नदी व वारिस के पानी ने सबकुछ बर्बाद करके रख दिया. अब खाने के लिए भी दाने दाने को मोहताज होना पड़ेगा. जमसारी पंचायत के उपमुखिया अश्वनी कुमार उर्फ सोनी मुखिया ने कृषि विभाग के अधिकारियों से फसल क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है.
मुआवजा को लेकर किसानों ने किया था सड़क जाम : बाढ़ की पानी से हुई फसलों की नुकसान का मुआवजा के लिए सड़क जाम किया था. अधिकारियों ने फसल क्षति का आकलन कर मुआवजा की मांग किया था. कृषि समन्वयक संजय पासवान ने कहा कि विभाग के मौखिक आदेश पर लोदीपुर पंचायत किसानों के नुकसान हुए फसल का आकलन किया जा रहा है.
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