बिहारशरीफ. सावन का पूरा महीना ही भगवान शिव को समर्पित है. लेकिन सावन की सोमवारी को भगवान शिव की उपासना का खास महत्व है. सोमवार को शिवोपासना को विशेष फलदायी माना जाता है. इस लिए सावन की अंतिम सोमवार को जिले के सभी शिवालयों में भक्तों की सर्वाधिक भीड़ रही. शिवालयों में महिलाओं तथा पुरुषों के द्वारा पूरी श्रद्धा से भगवान शिव को जलाभिषेक किया गया. महिलाएं तथा युवतियां तो इस रोज उपवास रखकर भगवान शिव की साधना और उपासना करती हैं. ऐसी मान्यता है कि सोमवारी व्रत करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. सावन की अंतिम सोमवारी के अवसर पर शहर के सभी शिवालयों में भगवान भोले नाथ के भक्तों व श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. बडी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं के द्वारा शिवलिंग पर जल तथा बेलपत्र अर्पित कर मन्नतें मांगी गयी. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों में भी सुबह से शाम तक जलाभिषेक तथा पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों व श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इस अवसर पर श्रद्धालुओं की आस्था चरम पर रही. कोई गंगा जल से तो कोई दूध-दही और घृत-शहद से भगवान शिव का अभिषेक किया. जिले के सभी प्रमुख शिवालयों में सुबह से शाम तक बोल बम तथा हर हर महादेव के नारे गुंजायमान होते रहे. शिवालयों में सर्वाधिक भीड़ सुबह और शाम में देखी गयी. सुबह में जहां पुरुष श्रद्धालुओं के द्वारा अधिक संख्या में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया गया वहीं. दिन ढलने के बाद महिलाओं के द्वारा सोमवारी व्रत को लेकर भगवान शिव को बेलपत्र के साथ-साथ गंगाजल दूध, शहद, घी तथा विभिन्न प्रकार के फल-फूल अर्पित किये गये. इस अवसर पर महिलाओं ने भक्ति गीत गाकर भगवान भोले शंकर से आशीर्वाद मांगे. पूरा वातावरण भक्तिपूर्ण बना रहा. कई शिवालयों में बड़ी संख्या में महिलाओं के द्वारा इस अवसर पर देर शाम तक भजन कीर्तन भी गाये गये. सोमवारी व्रत को लेकर बड़ी संख्या में लड़कियां तथा महिलाएं 24 घंटे का उपवास रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की. इस अवसर पर कई श्रद्धालुओं के द्वारा विभिन्न शिवालयों में रुद्राभिषेक भी किया गया. शहर के धनेश्वर घाट मंदिर, जंगलिया बाबा मंदिर गुफा पर, नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर खंदकपर, गढपर, कचहरी चौराहा, नई सराय, चौखंडी पर, रामचंद्रपुर, सोहसराय आदि शिवालयों में भक्तों व श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. कई श्रद्धालुओं के द्वारा बख्तियारपुर, बाढ़ तथा फतुहा से गंगाजल लाकर भी विभिन्न शिवालयों में शिवलिंग पर अर्पित किये गये. शहर का वातावरण धार्मिकता के रंग में सराबोर रहा.
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