बिंद. बिंद प्रखंड के ताजनीपुर पंचायत के किसानों को इन दिनों काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के मंसुबे पर जीराइन, गोइठवा, कुंभरी व बाड़ी नदी ने पानी फेर दिया. महमुदाबाद, मदनचक, ताजनीपुर व मिराचक के किसानों के सैकड़ों एकड़ खेतों में लगी धान की रोपनी पानी में डूब गया. किसानों की धान की रोपनी पानी में डूब जाने से लाखों रुपये का नुकसान हो गया. किसान चंदेश्वर प्रसाद, रामसेवक प्रसाद, पप्पु महतो, आनंद कुमार, सियासरन बिंद, नगीना बिंद,पप्पू माहतो, संजय कुमार, रामबालक माहतो, जोगी कुमार, सतीश महतो समेत अन्य ने बताया कि गोइठवा, जीराईन, कुंभरी व बाड़ी नदी का जलस्तर बढ़ जाने व लगातार रूक रूक कर हो रही वारिस से करीब सात सौ एकड़ धान कि रोपनी पानी में डूब गया है. धान कि रोपाई कार्य लगभग पुर्ण हो चुकी थी. घरों की जमा पूंजी व अनाज खेतों की जोताई, धान की रोपनी व उर्वरक मे खर्च हो गए. एक बीघा धान की रोपनी कराने में चार हजार रूपए से अधिक कि लागत आती है. सबसे ज्यादा परेशानियां गैर रैयत किसानो को हो रही है. गैर रैयत किसान खेत मालिक को नगद रूपए देकर एक बर्ष के लिए खेत लिया था. नकद रूपये पर खेत लेकर धान कि रोपनी किया था. नदी व वारिस के पानी ने सबकुछ बर्बाद करके रख दिया. एक बीघा धान कि रोपनी करने पर करीबअब खाने के लिए भी दाने दाने को मोहताज होना पड़ेगा. किसानों ने सरकार से सहायता उपलब्ध कराने की मांग किया है.
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