-जिला पशुपालन विभाग की ओर से शुरू हुआ कार्यक्रम
खुरपका-मुंहपका रोग को नियंत्रित करने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से एफएमडी टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया. इसके तहत जिले के 77438 पशुओं को बूस्टर डोज लगाया जायेगा.
जिला पशुपालन विभाग में कार्यरत टीवीओ-मोबाइल डॉ गोपाल कृष्ण कन्हैया इस कार्यक्रम को संचालित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मई 2025 में शुरू हुए एमएमडी राउंड फाइव के कुल 679850 पशुओं में एफएमडी का प्राथमिक टीका लगाया गया. इसके बाद टीकाकरण के एक माह बाद वैसे पशुओं, जिसमें पहली बार एफएमडी का टीका दिया गया, उसका बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया.डॉ गोपाल कृष्ण कन्हैया ने बताया कि खुरपका-मुंहपका रोग एफएमडी को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण एक महत्वपूर्ण उपाय है, और नियमित टीकाकरण के साथ-साथ बूस्टर खुराक भी आवश्यक हो सकती है. एफएमडी एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है, जो जानवरों को प्रभावित करता है. टीकाकरण इस बीमारी को नियंत्रित करने का एक प्रभावी तरीका है. एफएमडी के खिलाफ टीके आमतौर पर 4-6 महीने की सुरक्षा प्रदान करते हैं, जिसके बाद बूस्टर खुराक की आवश्यकता है. एफएमडी को नियंत्रित करने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) पशुओं का एक गंभीर, अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है, जिसका प्रभाव काफी अधिक होता है. यह रोग मवेशियों, सूअरों, भेड़ों, बकरियों और अन्य पशुओं को होता है. बरसात में पशुओं में पैर, मुंह, चर्म रोग का खतरा होता है. इसमें सभी गोवंशीय और भैंस जाति के चार माह से अधिक उम्र के पशुओं को फुट एंड माउथ डिसीज (एफएमडी) का वैक्सीन, जबकि सिर्फ गोवंशीय पशु को लंपी स्किन डिसीज (एलएसडी) का टीका दिया जाता है.
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