बक्सर
. गंगा नदी के किनारे बना यह बांध 1970 के दशक में बाढ़ नियंत्रण के उद्देश्य से बनाया गया था. हालांकि, वर्षों से इसकी उपयोगिता सीमित हो गयी थी. लेकिन अब सड़क बनने से यह बांध अब फिर से सक्रिय भूमिका में आयेगा. 2016 से ही इस बांध पर सड़क बनाने की माग उठ रही थी. लेकिन विभिन्न कारणों से नहीं बन पा रहा था. लेकिन अब जाकर वित्तीय वर्ष 2025-26 में बक्सर – कोइलवर बांध पर सड़क बनाने का काम किया जायेगा. इस सड़क बनने से दियाराचल इलाके के लोगों को काफी सुविधा मिलेगा. यह सड़क बक्सर और भोजपुर जिलों को जोड़ने वाले ग्रामीण इलाकों के लिए एक बड़ी सौगात जल्द ही ज़मीन पर उतरने जा रही है. जिसकी घोषण 15 फरवरी को बक्सर दौरे पर आए सीएम नीतीश कुमार ने की थी. बक्सर से कोइलवर तक गंगा के किनारे बने पुराने बांध पर अब 100 करोड़ की लागत से 51 किलोमीटर लंबी और 5 मीटर चौड़ी सड़क बनायी जायेगी. इस महत्वाकांक्षी योजना की टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही निर्माण कार्य की शुरुआत किया जायेगा. परियोजना पूरी होने के बाद यह सड़क ना सिर्फ दर्जनों गांवों को आपस में जोड़ेगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास में भी नई जान फूंकेगी. कई गांवों को जोड़ेगा नया मार्गयह सड़क बक्सर जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों को भोजपुर के कोइलवर से जोड़ेगी, जो पटना और आरा जैसे बड़े शहरी केंद्रों से सीधी कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी.फिलहाल इन गांवों के लोगों को कच्चे रास्तों, टूटे-फूटे संपर्क मार्गों या लंबी दूरी तय कर मुख्य मार्गों तक पहुंचना पड़ता है. सड़क निर्माण से न केवल आवाजाही आसान होगी बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं भी लोगों की पहुंच में आयेंगी. उमरपुर, केशोपुर, नियाजीपुर, गंगोली समेत दजनों जैसे क्षेत्र सड़क सुविधा से सीधे जुड़ेंगे, जिससे इलाके के हजारों परिवारों को लाभ मिलेगा. इन गांवों के किसान अब अपनी उपज को बाज़ारों तक जल्द पहुंचा सकेंगे, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिलने की भी संभावना बढ़ेगी.तकनीकी और संरचनात्मक विशेषताएं51 किलोमीटर लंबी यह सड़क 5 मीटर चौड़ी होगी और इसे इस तरह से तैयार किया जाएगा कि बारिश और बाढ़ के समय भी इसका उपयोग सुरक्षित रूप से किया जा सके.सड़क के निर्माण में प्रीमियम ग्रेड की सामग्री का उपयोग किया जाएगा, जिससे यह वर्षों तक सुरक्षित और टिकाऊ बनी रहे. इस परियोजना को बाढ़ नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण और संरचनात्मक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है.सड़क के दोनों ओर मजबूत रेलिंग, संकेतक, मोड़ पर चेतावनी बोर्ड, तथा जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाएगी.
परियोजना की वर्तमान स्थिति और टेंडर प्रक्रियासड़क निर्माण को लेकर राज्य सरकार गंभीर है.परियोजना की डिपीआर पहले ही तैयार की जा चुकी है और पर्यावरणीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है.फिलहाल सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है.सूत्रों के अनुसार, अगले 5 से 10 दिनों में चयनित एजेंसी के एग्रीमेंट करके काम शुरू कर दिया जाऐगा. वही बांढ विभाग के द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्माण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से किया जाए.स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार का साधनइस परियोजना से जहां क्षेत्र को एक बेहतर सड़क नेटवर्क मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर भी प्राप्त होंगे.निर्माण कार्य में स्थानीय मज़दूरों, ट्रैक्टर चालकों, सामग्री आपूर्तिकर्ताओं, और अन्य सेवा प्रदाताओं की आवश्यकता होगी.साथ ही, परियोजना के दौरान कई छोटे व्यापार भी पनपेंगे, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देंगे. कार्यपालक अभियंता बांढ विभाग के कन्हैया कुमार ने बताया कि यह परियोजना बक्सर और भोजपुर के विकास की धुरी बनेगी.इसके माध्यम से न केवल बेहतर संपर्क स्थापित होगा, बल्कि इसका व्यापक सामाजिक प्रभाव भी देखने को मिलेगा.
बोले अधिकारीबक्सर – कोईलवर बांध पर सड़क का निर्माण 100 करोड़ के लागत से कराया जाना है. जिसका टेंडर के माध्यम से कॉन्टैक्टर मिल गया है. एक से दो दिन में कॉन्टैक्टर के द्वारा एग्रीमेंट कर लिया जाएगा . एग्रीमेंट करने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा.
कन्हैया कुमारकार्यपालक अभियंता बांढ विभागडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है