डुमरांव. प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में किसानों को खेती में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा, जबकि डुमरांव में अभी तक मात्र 12 फीसदी ही धान की रोपनी हुई है, बारिश का साथ नहीं मिलने से किसानों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई है. कुछेक जगहों पर किसान पानी के अभाव में सबमर्सिबल के सहारे खेतों में पानी की सुविधा कर धान की रोपनी कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि बारिश का साथ नहीं मिलने के चलते किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच सोमवार को डुमरांव में देर हुई हल्की बारिश को मंगलवार की सुबह 8 बजे 3 एम एम दर्ज किया गया है. लेकिन प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में यह बारिश छिटपुट ही रह गयी, इस हालत में अब किसानों को खेती की चिंता सता रही है. किसानों का कहना है कि जल स्तर नीचे होने से मोटर भी पानी कम दे रहा है, जिसके चलते धान रोपनी का काम बाधित हो रहा है, लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पहले रुक-रुक कभी कभी हल्की बारिश होने से खेतों में डाले गये धान के बिचड़ों को लाभ मिल रहा था, लेकिन कुछ दिनों वह भी बंद है, जब कि अभी तक झमाझम बारिश नहीं हुयी, लोगों ने बताया कि तीन चार दिनों से आसमान में रुक-रुक कर बादल मंडराते हुए आगे निकल जाते हैं, जब कि कभी-कभी घटा घनघोर छा जाती है फिर भी बारिश नहीं हो रही है. किसानों का कहना है कि अगर समय रहते बारिश का साथ नहीं मिला तो भुखमरी की नौबत आ जायेगी इस हालत में किसानों के खेतों में धान रोपनी का काम समय से पूरा नहीं हो सकेगा. कृषि समन्वयक राजीव रंजन ने बताया कि इस बार प्रखंड में 12650 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है, जहां अभी तक मात्र 12 फीसदी ही धान रोपनी का काम हुआ है, वहीं किसान सलाहकार दिलीप कुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार को देर रात डुमरांव में हल्की बारिश हुई, जो मंगलवार की सुबह 8 बजे तीन एमएम बारिश दर्ज की गयी.
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