बक्सर
. श्रावण मास की आखिरी सोमवारी को भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए रविवार को पूरे दिन कांवरियों का जत्था रवाना होते रहा. इससे पहले शिव भक्त यहां के रामरेखाघाट समेत अन्य गंगा घाटों पर स्नान आदि के बाद विधि-विधान से पात्रों में जल ग्रहण किए और बोल बम तथा भोले बाबा के जयघोष करते हुए ब्रह्मपुर के बाबा ब्रह्मेश्वर धाम समेत अन्य शिवालयों के लिए विदा हुए. यहां के उतरायणी गंगा के जल के लिए कांवरियों के आने-जाने का सिलसिला सुबह से शुरू हुआ तो आधी रात के बाद तक जारी रहा. इसके चलते शहर में कांवरियों का रेला लग गया था. पहुंचने के साथ ही कांवरिये गंगा में पावन डुबकी लगाए और पूजन-अर्चन के बीच संकल्प के साथ जल ग्रहण किए. कांवरियों के आवागमन से पूरी रात जिला मुख्यालय से जाने वाली सभी सड़कें गुलजार रहीं. सड़क मार्ग से लेकर ट्रेन से कांवरियां पहुंच रहे थे और जल लेकर कोई पैदल तो कोई वाहनों से मंदिरों की ओर जा रहा था. स्थानीय स्टेशन पर ट्रेनों के रुकते ही प्लेटफॉर्म केसरिया रंग में रंग जा रहा था. नतीजा यह था कि अप अथवा डाउन दोनों तरफ से आने वाली सभी ट्रेनों से कांवरियां उतर रहे थे और जल लेकर उसमें सवार हो रहे थे. किसी गाड़ी के आते ही स्टेशन रोड पर कांवरियों का रेला लग जा रहा था.जल के लिए दूर-दराज से पहुंचे थे भक्तकांविरयों की सबसे ज्यादा भीड़ रामरेखाघाट व श्रीनाथ बाबा घाट पर रही. यहां गंगा जल के लिए बक्सर के अलावा भोजपुर, रोहतास, कैमूर व यूपी के सीमावर्ती जनपदों से शिवभक्त पहुंचे थे. प्रशासन की ओर से विधि-व्यवस्था को लेकर ज्यादा भीड़-भाड़ के संभावना वाले चिन्हित गंगा घाटों व चौक-चौराहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. जाहिर है कि सावन का पावन महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. मान्यता है कि सावन में देवाधिदेव महादेव की उपासना व जलाभिषेक से भक्तों पर भगवान शंकर की कृपा बनी रहती है.
कांवरियों के आवागमन से सड़कें रहीं गुलजारगंगा जल के लिए कांवरियों के आवागमन से स्टेशन से लेकर जिला मुख्यालय से बाहर जाने वाली तकरीबन हर सड़कों पर चहल-पहल बढ़ गया था. चाहे बक्सर-आरा राष्ट्रीय राजमार्ग-922 हो अथवा इटाढ़ी रोड या फिर चौसा-मोहनिया व चौसा-कोचस रोड, सभी सड़कों से होकर कांवरियों का जत्था गुजर रहा था. यहां से गंगा जल लेकर कांवरिये ब्रह्मपुर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के अलावा इटाढ़ी प्रखंड स्थित सोखा धाम, डुमरांव स्थित जंगली नाथ शिव मंदिर तथा रोहतास व कैमूर के कई शिव मंदिरों में गए. केसरिया रंग के लिबास में लिपटे कांवरिया कंधे पर जल लिए बोल बम तथा हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए अपनी-अपनी मंजिलों की ओर बढ़ रहे थे.सुरक्षा को लेकर गश्त करती रही पुलिसकांवरियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था. इसके तहत घाट पर पुलिस बल के जवानों के अलावा स्थानीय नाविकों व गोताखोरों की ड्यूटी भी लगाई गई थी. वही विभिन्न सड़कों पर पुलिस गश्त कर रही थी. यातायाता को सुगम बनाने के लिए चौक-चौराहों पर पुलिस के जवान तैनात थे. एसडीआरफ की टीम गंगा में भ्रमण कर घाटों की निगरानी कर रही थी. विधि-व्यवस्था को लेकर ज्यादा भीड़ वाले गंगा घाटों पर दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के साथ पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया था.
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