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Buxar News: पूर्व जिप सदस्य ने ठेकेदारी के विवाद में करायी थी संतोष की हत्या

सुदेवा थाना क्षेत्र के अमीरपुर स्थित कुशवाहा टोला निवासी व पेप्सीको कंपनी के ठेकेदार संतोष कुमार सिंह हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है. संतोष की हत्या कंपनी ठेकेदारी में वर्चस्व को लेकर कराई गई है

बक्सर

. वासुदेवा थाना क्षेत्र के अमीरपुर स्थित कुशवाहा टोला निवासी व पेप्सीको कंपनी के ठेकेदार संतोष कुमार सिंह हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है. संतोष की हत्या कंपनी ठेकेदारी में वर्चस्व को लेकर कराई गई है. इस कांड का किंगपिन पूर्व जिला परिषद सदस्य व वर्तमान जिप सदस्य कुसुम देवी के पति शशिधर सिंह उर्फ मुन्ना यादव हैं. इस मामले में की गई पुलिसिया पड़ताल में मुन्ना यादव समेत छह आरोपितों की संलिप्तता उजागर हुई है. इसका राजफाश तीन आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद उनसे हुई पूछताछ में हुआ है. गिरफ्तार होने वालों में अमीरपुर निवासी देवाश्रय यादव के पुत्र भोला यादव उर्फ शिव शंकर यादव, देवपुरा निवासी स्व.राम नारायण यादव के पुत्र महेन्द्र यादव व चकौड़ा निवासी स्व.राम प्रवेश के पुत्र अरुण यादव शामिल हैं, जबकि जिप सदस्य प्रतिनिधि व अमीरपुर निवासी मुन्ना यादव व अन्य दो अपराधी अभी फरार हैं. जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा लगातार दबिश बनाई जा रही है. समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में यह जानकारी पुलिस कप्तान शुभम आर्य ने दी. गिरफ्तार तीनों आरोपितों को पेश करते हुए एसपी ने बताया कि 25 मई की सुबह सूचना मिली थी कि संतोष कुमार सिंह की हत्या अज्ञात अपराधियों द्वारा कर कर दी गई. इस संबंध में मृत्क की पत्नी के लिखित आवेदन के आधार पर वासुदेवा थाना में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उनके द्वारा डुमरांव अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अफाक अहमद अंसारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई. एसआईटी द्वारा तकनीकी अनुसंधान एवं सूचना/आसूचना संकलन करते हुए घटना में संलिप्त कुल-03 अभियुक्तों भोला सिंह उर्फ शिवशंकर सिंह, महेन्द्र सिंह व अरूण सिंह को गिरफ्तार कर पूछताछ करने पर उनके द्वारा उक्त कांड में अपनी संलिप्तता कबूल की गई और अन्य अपराधियों के नाम उजागर किए गए. महेन्द्र सिंह व अरुण सिंह का पहले से आपराधिक रिकार्ड रहा है. हत्या के बाद ठिकाने लगाने के लिए हथियार इनके द्वारा अन्य आरोपियों को दे दिया गया है.

ठेकेदारी को लेकर हुई थी मीटिंगएसपी ने बताया कि बियाडा की जमीन से पहले भी संतोष सिंह व भोला यादव द्वार पेड़ की कटाई कर बिक्री की जाती थी. इस क्रम में संतोष का दबदबा हो गया था और कंपनी कार्यों में उसका एकाधिकार हो गया था. जो भोला यादव व पूर्व जिप सदस्य मुन्ना यादव समेत अन्य को नागवार गुजर रहा था और संतोष उनके ठेकेदारी की राह में कांटा बन गया था.

ठेकेदारी में साझेदारी के लिए संतोष सिंह व आरोपियों के बीच मीटिंग भी हुई थी, परंतु बात नहीं बनी. ऐसे में मुन्ना यादव समेत अन्य ने साजिश रची और हथियार देकर हत्या करा दी.

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