चक्की
. सरकार एक तरफ जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की अभियान चला रही है. वहीं दूसरे तरफ चक्की प्रखंड में सरकारी विद्यालय की स्थिति खस्ता हो गई है. सरकारी विद्यालय में कई तरह की सरकार द्वारा महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जाती है. ताकि आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे को भी शिक्षा मिल सके. लेकिन प्रखंड के सरकारी स्कूलों में सरकार द्वारा निःशुल्क मिलने वाली किताबें अभी तक नहीं मिलने के कारण बच्चों के शिक्षा बाधित है. सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले क्लास 1 से 6 वर्ग के बच्चों के बीच किताब सरकारी तौर पर अभी तक कुछ ही बच्चों को उपलब्ध करायी गई है. क्लास 6 के बच्चों को अभी तक सरकार के तरफ से एक भी किताबें नहीं उपलब्ध कराई गई है. बाकी 1 से 5 क्लास के बच्चे को किताबें मिली भी हैं तो वो भी आधे अधूरी ही बच्चें को मिली है. ऐसे स्थिति में बच्चों के शिक्षा पर ग्रहण लग चुका है. बच्चों का कहना है कि स्कूल में किताबें अभी तक नहीं मिली इसलिए पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है. जबकि हम लोग प्रतिदिन स्कूल आते जाते हैं बच्चों का कहना है कि स्कूल में तो जैसे तैसे पढ़ाई हो जाती हैं लेकिन घर पर पढ़ाई हम लोग नहीं कर पाते हैं क्योंकि हमारे पास किताबें नहीं है.बच्चों को सता रही डर: बच्चों का कहना है कि मई महीना आधा बीत चुका है अब कुछ ही दिनों में गर्मी की छुट्टी होने वाली है. गर्मी की छुट्टी होने पर स्कूल द्वारा होमवर्क दिया जाता है. उस होमवर्क को गर्मी के छुट्टी के दौरान हम लोगों को घर से पुरा करके ले जाना होता है. लेकिन किताबें नहीं रहेगी तो हमलोग होमवर्क कैसे पूरा कर पायेंगे. बताते चले की सरकारी विद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे ही पढ़ने के लिए जाते हैं. क्योंकि उन्हें सरकार की तरफ से पढ़ने के लिए सारी सुविधाएं मिल जाती है. लेकिन समय से नहीं मिलने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.इस दौरान प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि कुछ बच्चें को किताबें दे दी गई है. वहीं कुछ बच्चे अभी बाकी रह गए हैं जो बच्चें बाकी रह गए हैं उसका विद्यालय से डाटा कलेक्शन किया जा रहा है. डाटा कलेक्शन होने के बाद तुरंत ही उन बच्चों को भी किताबें उपलब्ध करा दी जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है