बक्सर. भीषण गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. तापमान 41 डिग्री सेल्सियस पर होने के चलते लोगों का शरीर पसीने से लथपथ हो जा रहा है. शहर की सड़कों पर यदा-कदा ही बहुत जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. शनिवार को दिनभर प्रचंड धूप की तपिश से लोग हलकान रहें, दोपहर 12 बजे सड़कों पर सन्नाटा रहा, जबकि सड़कों किनारे बने यात्री शेड भी सुनसान रहा. स्थिति यह हैं कि सड़कों के किनारे बने ढाबा जहां प्रतिदिन लोगों के भीड़ से सुबह से शाम तक गुलजार रहा करता है वैसे जगहों पर सुबह 10 बजे के बाद कोई दिखता नहीं, लोगों का कहना है कि ऐसा लगता है कि आसमान से आग बरस रहा है. शुक्रवार को भी तपिश थी लेकिन शनिवार को तो आग की तरह तेज धूप का असर लोगों को परेशान कर रहा था, घरों में लगे कुलर, पंखे से गर्म हवा निकल रहा है. थोड़ी देर के लिए बिजली गुल होने पर पूरा शरीर पसीने से लथपथ हो रहा है. जिसके चलते छोटे बच्चे और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है. लोगों ने कहा कि बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलना मजबूरी बन रहा है. ऐसी तपिश में पशु पक्षियों का भी शोरगुल शांत हो गया है. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों और सड़कों पर देर शाम होने के बाद ही आवागमन शुरू होता है. व्यवसायिक उपयोग से गंगा पर खतरा : रमाशंकर
बक्सर. रामरेखाघाट पर गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के तत्वावधान में शनिवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. गंगा का भविष्य विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संगठन के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने कहा कि भौतिक एवं व्यवसायिक उपयोग से गंगा नदी पर खतरा मंडरा रहा है. उत्तराखंड में टिहरी जल विद्युत परियोजना के कारण प्रकृति के स्तर पर प्रतिकूलता का सृजन हो रहा है. उन्होंने कहा कि सियासत के शोर में गंगा की आवाज कमजोर हो रही है. ऐसे में आमलोगों को जागरूक होना आवश्यक है. इस क्रम में संगठन की टीम द्वारा ताड़का नाला के माध्यम से गंगा में गिर रहे सिवरेज का अवलोकन भी किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता मोती पांडेय एवं संचालन प्रमोद सिंह ने किया. मौके पर ऋषि कुमार, लव पांडेय, अजीत पांडेय, धर्मेन्द्र कुमार, पीयूष, कोमल यादव, सनातन पांडेय आदि उपस्थित थे.
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