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बक्सर जिले में 1728 वाहनों का निबंधन परिवहन विभाग करेगा ब्लैक लिस्टेड

जिले में जनवरी 2025 से अप्रैल 2025 तक परिवहन विभाग के नियम के उल्लंघन के मामले में लगभग चार हजार वाहन स्वामी पर जुर्माना किया गया.

बक्सर. जिले में जनवरी 2025 से अप्रैल 2025 तक परिवहन विभाग के नियम के उल्लंघन के मामले में लगभग चार हजार वाहन स्वामी पर जुर्माना किया गया. लेकिन 90 दिन बीत जाने के बाद भी 1728 वाहन स्वामियों ने अभी तक जुर्माना की राशि जमा नहीं की. विभागीय सूत्रों के अनुसार जनवरी एवं फरवरी माह में जिस वाहन पर परिवहन विभाग के नियम का पालन नहीं किया गया उनके पास निबंधित डाक के द्वारा नोटिस भेज दिया गया है. इसके बावजूद वैसे 1728 वाहन मालिकों ने फाइन जमा नहीं किया. लिहाजा परिवहन विभाग उन सभी वाहनों का निबंधन ब्लैकलिस्टेड करने की योजना बना रहा है. विभागीय सूत्रों की माने तो जनवरी से अप्रैल 2025 तक परिवहन विभाग द्वारा नियम उल्लंघन के मामलों में की गयी कार्रवाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है. अब विभाग ऐसे वाहनों को मोटर यान अधिनियम एमवीआइ एक्ट के तहत ब्लैक लिस्टेड करने की प्रक्रिया में जुट गया है. बिहार पुलिस मुख्यालय के पंत्राक 248 दिनांक 1/04/2025 एंव पत्रांक 228 दिनांक 23/03/2025 को विभाग को प्राप्त हुए पत्र में साफ शब्दों में निर्देश दिया गया है कि यदि किसी वाहन पर परिवहन विभाग के नियम को तीन बार अवहेलना किया जाता है तो मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 19 (1) के अनुसार वाहन का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को है. वहीं वाहन पर अगर तीन माह से अधिक के नियम के उल्लंघन का जुर्माना है और वाहन मालिक जमा नहीं करते हैं तो उसका भी पंजीकरण ब्लैक लिस्टेड करने का अधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को दिया गया है. एक करोड़ से अधिक की वसूली अधर में : परिवहन विभाग के अनुसार जनवरी से अप्रैल तक इस चार महीने की अवधि में विभागीय नियमों के उल्लंघन के चलते कुल एक करोड़ 11 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना इन 1728 वाहनों पर लगाया गया था.लेकिन बार-बार चेतावनी और नोटिस भेजने के बावजूद वाहन स्वामियों ने जिम्मेदारी नहीं दिखायी. यह न केवल विभागीय आदेशों की अवहेलना है, बल्कि राजस्व हानि का भी बड़ा कारण बन रहा है. एमवीआइ एक्ट के तहत की जा रही कार्रवाई : इस मामले में विभाग मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत सख्त कदम उठाया जा रहा है. जिन वाहन स्वामियों ने तय समय सीमा के भीतर जुर्माना नहीं चुकाया है, उनके पंजीयन प्रमाणपत्र को ब्लैकलिस्टेड करने के तैयारी में जुटा है विभाग. इसका सीधा मतलब यह होगा कि अब ये वाहन किसी भी तरह की वैधानिक प्रक्रिया जैसे बीमा नवीकरण, गाड़ी का फिटनेस प्रमाणपत्र, मालिकाना हस्तांतरण या यहां तक कि वाहन चलाने तक के लिए योग्य नहीं रहेंगे. नोटिस की अनदेखी बनी सख्ती की वजह : परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक वाहन मालिक को व्यक्तिगत रूप से नोटिस भेजा गया था. इसमें फाइन की राशि, भुगतान की अंतिम तारीख और संभावित कार्रवाई का उल्लेख था. इसके बावजूद अनदेखी किये जाने पर विभाग ने अब वाहन पंजीकरण रद्द करने या निलंबित करने जैसी कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है. लगातार किया जा रही मॉनीटरिंग : परिवहन विभाग की टीम ने बताया कि इस वर्ष नियम उल्लंघन के मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है. खासकर बिना फिटनेस, बीमा, प्रदूषण प्रमाणपत्र और ओवरलोडिंग जैसे मामलों में वाहन मालिक नियमों को ताक पर रखकर सड़कों पर गाड़ियों को दौड़ा रहे हैं. ऐसे मामलों में सिर्फ चालान काटने से बात नहीं बन रही, इसलिए ब्लैक लिस्टिंग को जरूरी कदम माना जा रहा है. क्या होता है ब्लैकलिस्ट जब किसी वाहन को परिवहन विभाग द्वारा ब्लैकलिस्ट किया जाता है, तो वह वाहन 4.0 पोर्टल पर प्रतिबंधित सूची में चला जाता है. ऐसे वाहन का न तो बीमा नवीनीकरण हो सकता है, न ही उसका मालिकाना हक बदला जा सकता है और न ही उसका कोई वैधानिक दस्तावेज अपलोड या मान्य हो पाता है. ब्लैकलिस्टिंग के चलते वाहन सड़क पर चलने योग्य नहीं माना जाता और अगर ऐसे वाहन को सड़क पर पकड़ा जाता है, तो उस पर अतिरिक्त जुर्माना और वाहन जब्ती की कार्रवाई भी की जा सकती है. जिले में यह पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में वाहन नियम उल्लंघन की वजह से ब्लैकलिस्ट किए जा रहे हैं. परिवहन विभाग की यह पहल उन लोगों के लिए चेतावनी है जो नियमों को हल्के में लेते हैं. साथ ही यह उन जिम्मेदार वाहन चालकों के हित में भी है, जो हर वर्ष समय पर टैक्स, बीमा और फिटनेस का पालन करते हैं. नियमों का पालन केवल कानून नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है. क्या कहते हैं अधिकारी विभाग का उद्देश्य सिर्फ जुर्माना वसूलना नहीं, बल्कि सड़कों पर सुरक्षित, जिम्मेदार और वैध परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य वाहन स्वामियों को नियमों के पालन के प्रति जागरूक करना है. नोटिस के बावजूद अगर वाहन मालिक जुर्माना जमा नहीं करते, तो हमें कड़ा रुख अपनाना ही पड़ता है. उन्होंने वाहन मालिकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द फाइन का भुगतान करें, जिससे उनके वाहन को ब्लैकलिस्ट होने से बचाया जा सके. संजय कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी

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