बक्सर. उतार-चढ़ाव के साथ गंगा का जल स्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है. तटीय इलाके के मैदानी भागों में पानी अपना पांव पसाने लगा है. जिससे बाढ़ का खतरा सताने लगा है और कछारी इलाकों के लोगों की धड़कनें तेज हो गयी हैं. गंगा क जलस्तर बुधवार को पूर्वाह्न 08.00 बजे 58.60 मीटर था जो शाम 06 बजे 58.88 मीटर हो गया था. यह जलस्तर वार्निंग लेवल से मात्र 44 मीटर एवं लाल निशान से 1.44 मीटर कम है. बक्सर में वार्निंग लेवल यानि चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर और खतरे का निशान 60.32 मीटर है. गंगा के बढ़ते जलस्तर का दबाव जिले में बहने वाली सहायक नदियों के पानी पर भी बढ़ने लगा है. लिहाजा सहायक नदियां भी उफनाने लगीं हैं. दो से तीन सेमी हुई जल स्तर बढ़ने की रफ्तार : केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को पूर्वाह्न 09.00 बजे तक 02 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी हो रही थी, उसके बाद 10.00 बजे से पुन: 03 सेमी प्रति घंटे के हिसाब से जलस्तर बढ़ने लगा. जाहिर है कि तकरीबन एक सप्ताह से जल स्तर में लगातार कमी आने के बाद सोमवार की आधी रात से जल स्तर में 03 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ने लगा था और वह रफ्तार मंगलवार को भी जारी रही. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार की शाम 05 बजे तक गंगा का जल स्तर 58.22 मीटर दर्ज किया गया था. जो वार्निंग लेवल से 1.10 मीटर तथा डेंजर लेवल से 2.10 मीटर कम था. बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट : जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है. गंगा के तटीय क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी गयी है. बक्सर-कोइलवर तटबंध की निगाहबानी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है और निगरानी बढ़ा दी गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार की रात 11 बजे से जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हुई, जो मंगलवार की सुबह 08 बजे तक 58.01 मीटर हो गया था. बताया जाता है कि प्रयागराज में गंगा एवं यमुना के साथ ही वारणसी में जल स्तर तेजी से बढ़ रह है.
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