बिहार के पश्चिमी चंपारण अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे इलाकों में भी आए दिन वन्यजीवों की चहलकदमी लगातार देखने को मिल रही है. इन दिनों एक सांप और तेंदुआ सुर्खियों में हैं. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र से सटे रिहायशी इलाके में एक अनोखा सांप देखने को मिला है जो दुर्लभ प्रजाति का है. वहीं, मदनपुर-वाल्मीकिनगर स्टेट हाईवे मार्ग पर एक तेंदुआ बैठा दिखा. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
जंगल से निकलकर आया तेंदुआ, सड़क पर घूमता रहा
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बीचों बीच मदनपुर-वाल्मीकिनगर मुख्य स्टेट हाईवे मार्ग के धोबहा पुल के जंगल से एक तेंदुआ बाहर निकल आया. मुख्य सड़क पर इस तेंदुए को घूमते हुए देखा गया है. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें तेंदुआ जंगल के बीच में एक पुल की रेलिंग पर बैठकर मस्ती करता दिख रहा है. वह मुख्य सड़क पर भी घूम रहा है. वहां से गुजर रहे लोग उसका फोटो-वीडियो लेते दिख रहे हैं. जब तेंदुए के ऊपर गाड़ी की लाइट पड़ी तो वह जंगल की ओर चला गया.

वन संरक्षक बोले…
वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि के. ने कहा कि वीअीआर में बाघ और तेंदुआ मौजूद है. वीटीआर के जंगल में वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जब सड़क सुनसान हो जाते हैं तब ये वन्यजीव सड़क पार करके इधर-उधर भ्रमण करते हैं.
दुर्लभ प्रजाति का सांप भी मिला
वहीं दुर्लभ प्रजाति के येलो स्पेकल्ड वुल्फ स्नेक को भी वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र से सटे रिहायशी इलाकों में देखा गया. पीला और काला रंग के चित्ती हेाने के कारण देशी भाषा में इस सांप को चित्तीदार सांप भी कहा जाता है. लगभग 55 सेमी से 60 सेमी तक इसकी लंबाई होती है. पहली बार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में इस सांप को देखा गया. रमपुरवा निवासी रूदल राम के घर में यह सांप मौजूद था जिसका रेस्क्यू किया गया.सांप का सफल रेस्क्यू कर जटाशंकर जंगल में इसे छोड़ दिया गया. इस सांप को विषैला नहीं माना जाता है.