बोधगया. गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से शुरू होने वाले तीन महीने के बौद्ध वर्षावास को लेकर थाईलैंड से आये 40 श्रद्धालुओं के एक दल ने मंगलवार को महाबोधि मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना की. श्रद्धालुओं ने बोधिवृक्ष के नीचे विश्व शांति के लिए प्रार्थना की और भिक्षुओं की तरह जीवन यापन करने की दीक्षा ली. बीटीएमसी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, वर्षावास के दौरान ये सभी श्रद्धालु बोधगया में ही रहकर पूजा, ध्यान और साधना करेंगे. इस दल में थाईलैंड के कुछ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने मंगलवार को महाबोधि मंदिर में विधिवत दीक्षा ग्रहण की. अब वे तीन महीनों तक बौद्ध भिक्षु व भिक्षुणियों की तरह जीवन बितायेंगे और वर्षावास पूर्ण होने के बाद पुनः अपने गृहस्थ जीवन में लौट आयेंगे. गौरतलब है कि बौद्ध परंपरा के अनुसार वर्षावास की शुरुआत 11 जुलाई से होती है, जो गुरु पूर्णिमा के ठीक बाद आता है. इस दौरान भिक्षु किसी एक बौद्ध विहार या स्थल पर ठहरकर पूजा, प्रार्थना और साधना करते हैं. बोधगया स्थित ऐतिहासिक महाबोधि मंदिर में बोधिवृक्ष के नीचे इस प्रकार का दीक्षा समारोह हर वर्षावास से पहले विशेष महत्व रखता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है