भोलेनाथ के जयकारे गूंजे, प्रशासन ने संभाला मोर्चा
प्रतिनिधि, गुरुआ.
प्रखंड के ऐतिहासिक धार्मिक स्थल बाबा बैजूधाम में सावन माह की पहली सोमवारी को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. तड़के सुबह से ही शिवभक्तों की कतारें मंदिर प्रांगण तक लग गयीं. श्रावण माह में भगवान शिव को जल चढ़ाने की मान्यता को लेकर श्रद्धालु गुरुआ, गुरारु, मथुरापुर, भरौंधा, चेरकी, सगाही तथा आसपास के ग्रामीण इलाकों से पैदल, बाइक और चारपहिया वाहनों से बाबा बैजूधाम पहुंचे. कई कांवरियाें का दल जयकारों के साथ मंदिर में पहुंचा. भक्ति और व्यवस्था दोनों का अद्भुत संगम बाबा बैजूधाम परिसर में दिखा. महिला, बच्चे, बुजुर्ग और युवा सभी में शिवभक्ति का उत्साह देखते ही बन रहा था. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आया. गुरुआ थाना के थानाध्यक्ष मो सरफराज इमाम, पुलिस पदाधिकारी निधि कुमारी के अलावा अंचल प्रशासन व स्वयंसेवकों की भी व्यापक तैनाती की गयी थी. मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग, प्राथमिक चिकित्सा शिविर, पेयजल व छाया की विशेष व्यवस्था की गयी थी. गुरुआ के अंचल अधिकारी ने बताया कि श्रावणी की सोमवारी को लेकर सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध किये गये हैं. स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय युवाओं व स्वयंसेवी संगठनों ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभायी.बैजूधाम का धार्मिक महत्व बढ़ा
बता दें कि बाबा बैजूधाम का धार्मिक महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है. सावन में यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बाबा की महिमा बढ़ती जा रही है और यहां की मान्यता भी दूर-दराज तक फैल रही है. श्रावण की पहली सोमवारी पर उमड़े जनसैलाब ने यह साबित कर दिया कि बाबा बैजूधाम अब केवल एक स्थानीय धार्मिक स्थल नहीं रहा, बल्कि यह क्षेत्रीय आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है