बोधगया. उच्च शिक्षा और तकनीकी नवाचार की दिशा में मगध विश्वविद्यालय एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहा है. विश्वविद्यालय परिसर में भारत का पहला विश्वविद्यालय आधारित प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जो केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के सहयोग से संचालित होगा. इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर 27 जून को नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति की उपस्थिति में संपन्न होंगे. यह पल मगध विश्वविद्यालय ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व और गौरव का विषय होगा. इस परियोजना को लेकर आयोजित सिंडिकेट की विशेष बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी शाही ने इस पहल को तकनीकी शिक्षा, उद्योग उन्नयन और रोजगार सृजन की दिशा में युगांतकारी कदम बताया. उन्होंने कहा कि यह केंद्र आधुनिक तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, स्टार्टअप, रिसर्च और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय मॉडल बनेगा. एमओयू पर हस्ताक्षर के लिए कुलपति प्रो शाही, कुलसचिव प्रो बिपिन कुमार एवं अन्य पदाधिकारी 27 जून को विज्ञान भवन में आयोजित एमएसएमइ दिवस समारोह में भाग लेंगे. इस केंद्र की स्थापना से न केवल बिहार, बल्कि समूचे देश के युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण व उद्यमिता के क्षेत्र में व्यापक लाभ मिलेगा. यह पहल मगध विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय नवाचार मानचित्र पर अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी. सिंडिकेट की बैठक में प्रतिकुलपति प्रो बीआरके सिन्हा, सदस्य प्रो नरेंद्र कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो बिपिन कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया.
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