अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर सीयूएसबी में परिचर्चा का आयोजन
वरीय संवाददाता, गया जी.
अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर सीयूएसबी में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निबटने के लिए कानूनी और सामुदायिक दृष्टिकोण, रोकथाम के लिए एकजुट विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के मार्गदर्शन में स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एसएलजी) और स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में नशीली दवाओं के दुरुपयोग से जुड़े विभिन्न आयामों पर चर्चा की गयी. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि सत्र की अध्यक्षता करते हुए एसएलजी के प्रमुख और डीन प्रो अशोक कुमार ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे को दूर करने में कानूनी जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला.उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस नशीली दवाओं से मुक्त दुनिया के लक्ष्य की दिशा में कार्रवाई और सहयोग को प्रोत्साहित करता है. हेल्थ साइंसेज के डीन प्रो एसके भट्ट मिश्रा ने मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य खतरों और जमीनी स्तर पर निवारक स्वास्थ्य देखभाल उपायों की आवश्यकता तथा दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव पर बात की. उन्होंने सख्त दवा विनियमन और निगरानी के महत्व पर भी जोर दिया. इस अवसर पर शोधार्थी अभिषेक कुमार, विशाखा द्विवेदी, मोहम्मद इजहार अशरफ और अन्य ने नशीली दवाओं की रोकथाम में अनुसंधान और समुदाय-आधारित रणनीतियों की भूमिका पर जोर देते हुए अपनी अंतर्दृष्टि का योगदान दिया. इस कार्यक्रम का समापन कानूनी, स्वास्थ्य, शैक्षणिक और सामुदायिक हितधारकों के बीच समन्वित प्रयासों के लिए एक संयुक्त आह्वान के साथ हुआ, ताकि नशीली दवाओं के दुरुपयोग से प्रभावी ढंग से निबटा जा सके. सीयूएसबी में इस अवसर पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ और यूनाइटेड फॉर प्रिवेंशन: लीगल एंड कम्युनिटी अप्रोच टू कॉम्बैटिंग ड्रग एब्यूज पहल के हिस्से के रूप में एक राष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है