डोभी़ नाबार्ड योजना के तहत डोभी प्रखंड के कोठवारा से वरिया तट तक लगभग 13 करोड़ नौ लाख रुपये की लागत से बने पुल में महज ढाई वर्षों में कई स्थानों पर दरारें पड़ गयी हैं और पाया धंसने लगा है. इस गंभीर स्थिति को लेकर रविवार को लगातार जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी स्थल पर निरीक्षण के लिए पहुंचे, लेकिन पुल से लाभान्वित स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं को अब तक किसी ने गंभीरता से नहीं लिया है. रविवार को राजद नेता विजय वर्मा, भाजपा नेता संतोष गुप्ता, बीस सूत्री कार्यक्रम के सदस्य तुलसी केशरी, मनोज सिंह, डोभी मंडल अध्यक्ष सुमन चतुर्वेदी, जिलाधिकारी अधीक्षण अभियंता प्रेम प्रकाश रंजन, कार्यपालक अभियंता बृजेश किशोर प्रसाद, सहायक अभियंता मोहम्मद असलम सहित अन्य अधिकारी पहुंचे. मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने अधिकारियों से बैरिकेडिंग हटाने या फिर वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने की मांग की.भ्रष्टाचार के आरोप, घटिया
निर्माण पर ग्रामीणों का आक्रोश
कोठवारा गांव के समीप स्थित इस पुल को लेकर ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये. उन्होंने बताया कि निर्माण के दौरान घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया, जिसकी शिकायत कई बार संबंधित अधिकारियों और नेताओं से की गयी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से संवेदक ने मनमाने ढंग से काम किया और मोटी रकम का कमीशन खाया गया.ढाई साल में ही पुल में आई गंभीर क्षति
स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल निर्माण के मात्र ढाई वर्षों के अंदर ही इसके पाया धंसने लगे हैं और कई जगहों पर बड़ी-बड़ी दरारें देखी जा रही हैं. अब स्थिति यह है कि नदी की तेज धारा से बचाने के लिए करीब 1000 बोरे में बालू भरकर पुल के पाया की घेराबंदी की जा रही है, ताकि और क्षति को रोका जा सके.
जिला अभियंता ने दी सफाई
बैरिकेडिंग हटाने की मांग पर अधीक्षण अभियंता प्रेम प्रकाश रंजन ने स्पष्ट किया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर फिलहाल पुल से किसी भी प्रकार की वाहन आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गयी है. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई राहत संभव नहीं है.
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