सीमांकन को लेकर तीन घंटे तक उलझी रही दो थानों की पुलिस
प्रतिनिधि, बांकेबाजार.
प्रखंड के सैफगंज व मंजरी खुर्द गांव के समीप मोरहर नदी से पुलिस ने एक अज्ञात शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल भेज दिया है. इससे पूर्व शव वाले स्थल के सीमांकन को लेकर रोशनगंज व बांकेबाजार की पुलिस लगभग तीन घंटे तक आपस में उलझी रही. हालांकि, शेरघाटी एएसपी शैलेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर रोशनगंज पुलिस ने शव को नदी से निकालकर कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. शव की पहचान खबर लिखे जाने तक नहीं हो पायी थी. इस संबंध में एसआइ रवींद्र कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार की सुबह ग्रामीणों से सूचना मिली कि मोरहर नदी में एक अज्ञात शव पड़ा हुआ है. सूचना पर जब हम लोग मोरहर नदी पहुंचे, तो शव को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि उसकी मृत्यु पांच छह दिन पहले हो चुकी है. पिछले दिन नदी में आया अधिक पानी में कहीं से बहकर चला आया होगा. उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद पहचान के लिए शव को शीतगृह में 72 घंटे रखा जायेगा.दोनों थाने कितनी शव उठाने को लेकर आपस में उलझी रही
अज्ञात शव को उठाने को लेकर बांकेबाजार और रोशनगंज थाने की पुलिस सीमांकन को लेकर आपस में उलझी रही. इस गुत्थी को सुलझाने में लगभग तीन घंटे का समय लग गया. मानवता व निष्पक्ष पुलिसिंग की बात की जाये, तो शव को उठाकर सबसे पहले पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाना चाहिए था. हद तो तब हो गयी, जब दोनों थानों की पुलिस उस स्थान से माफियाओं द्वारा बालू उठाने का आरोप एक-दूसरे पर लगाते रहे.ऐसे विभाजित है सीमांकन
सैफगंज गांव मोरहर नदी के उत्तरी भाग में बसा हुआ है, जो बांकेबाजार थाना क्षेत्र में पड़ता है. वही मंजरी खुर्द गांव मोरहर नदी के दक्षिणी छोर पर बसा हुआ है, जो रोशनगंज क्षेत्र में पड़ता है. इस हिसाब से देखा जाये, तो नदी का आधा भाग बांकेबाजार एवं आधा भाग रोशनगंज थाना क्षेत्र में पड़ेगा. विभाजन का यही फार्मूला स्थानीय लोग बता रहे थे. परंतु, शव मंजूरी खुर्द गांव की सीमा में पड़ा हुआ था. इस तरह से शव वास्तविक रूप से रोशनगंज थाना क्षेत्र में ही था. यही कारण है की रोशनगंज पुलिस शव उठाकर ले गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है