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गया न्यूज : सीयूएसबी के लीगल एड क्लीनिक ने माध्यमिक विद्यालय फतेहपुर में करायीं प्रतियोगिताएं

गया न्यूज :

सीयूएसबी के लीगल एड क्लीनिक ने माध्यमिक विद्यालय फतेहपुर में करायीं प्रतियोगिताएं

वरीय संवाददाता, गया.

सीयूएसबी में भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय परिसर में विशेष पखवारा का आयोजन किया गया. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस (एसएलजी) के अध्यक्ष डीन प्रो अशोक कुमार व कार्यक्रम निदेशक डॉ पीके दास के मार्गदर्शन में कार्यक्रम समन्वयक डॉ पूनम कुमारी ने अन्य प्राध्यापकों तथा छात्रों के सहयोग से कई कार्यक्रम आयोजित किये. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि इसी क्रम में एसएलजी के अंतर्गत संचालित लीगल एड क्लीनिक के समन्वयक डॉ सुरेंद्र कुमार व सह समन्वयक डॉ अनंत प्रकाश नारायण के मार्गदर्शन में कई कार्यक्रम आयोजित कराये गये. लीगल एड क्लीनिक ने भारत पर डॉ आंबेडकर के विचार विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें छात्रों को हिंदी या अंग्रेजी में 1000 शब्दों का निबंध 40 मिनट में लिखना था. प्रतियोगिता में छात्रों ने डॉ आंबेडकर के न्याय, समानता और मानवाधिकारों की दिशा में योगदान पर अपने विचार साझा किये. सर्वश्रेष्ठ तीन प्रविष्टियों का चयन कर विजेताओं को 1000, 750 व 500 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जायेगा.

शिक्षित बनो, संघर्ष करो, संगठित रहो

लीगल एड क्लिनिक ने विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के साथ गहन विचार-विमर्श करने के लिए फतेहपुर-टेपा स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय का दौरा किया. इस दौरान छात्रों और शिक्षकों के समक्ष भारत के संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ किया गया. सत्र का नेतृत्व करते हुए संकाय समन्वयक डॉ सुरेंद्र कुमार ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उसके मूल आदर्शों की व्याख्या की. उन्होंने आंबेडकर के प्रसिद्ध उद्धरण शिक्षित बनो, संघर्ष करो, संगठित रहो को उद्धृत करते हुए युवाओं को संविधान के मूल्यों को आत्मसात करने और सामाजिक समरसता के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया. विद्यालय परिसर में लीगल एड क्लिनिक छात्र सदस्य शिवांगी, रमणंद रमण, मुदित, बिपाशा, आयुष, दिव्यांशु, मानसी, अनन्या और सागर द्वारा नुक्कड़ नाटक ”एक फूल” का मंचन किया गया. इस नाटक के माध्यम से जातिगत भेदभाव की समस्या को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया और संविधान के अनुच्छेद 17 के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जो अस्पृश्यता के उन्मूलन और व्यक्ति की गरिमा की रक्षा करता है. कार्यक्रम की अगली कड़ी में स्कूली छात्रों के लिए ”संविधान का महत्व और महिला सशक्तीकरण” विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गयी. इस प्रतियोगिता में छात्रों ने महिलाओं के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण में शिक्षा की भूमिका पर जोर दिया. प्रतियोगिता में सृष्टि कुमारी ने प्रभावशाली और आत्मविश्वासपूर्ण वक्तव्य प्रस्तुत कर प्रथम पुरस्कार 750 रुपये प्राप्त किया. अंकित राज ने ज्योतिबा फुले के योगदान पर प्रकाश डालते हुए द्वितीय पुरस्कार 500 रुपये जीता. प्रतिज्ञा कुमारी ने महिला अधिकारों और शिक्षा की आवश्यकता पर सशक्त तर्क प्रस्तुत कर तृतीय पुरस्कार 350 रुपये अर्जित किया. कार्यक्रम का समापन इस प्रेरणादायक संदेश के साथ हुआ.

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