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Exclusive: मार्च में ही सूखने लगा गयाजी डैम, कर्मकांड के लिए कुंड खोदकर निकालना पड़ रहा पानी

Exclusive: मार्च में ही गयाजी डैम सूखने लगा है. डैम का जलस्तर कम होने से पिंडदान के निमित्त आ रहे तीर्थयात्रियों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

Exclusive: नीरज कुमार/गया. फल्गु नदी के देवघाट व सीता कुंड के बीच करीब 324 करोड़ की लागत से बने गयाजी डैम में गर्मी शुरू होने के साथ ही करीब 80 प्रतिशत जलस्तर घट गया है. वहीं, बचा पानी प्रदूषित रहने के कारण अनुपयोगी साबित हो रहा है. बरसात के बाद पितृपक्ष मेले तक बारिश के पानी से इसका जलस्तर ठीक-ठाक था, लेकिन मेला समाप्ति के बाद मेंटेनेंस व रखरखाव के अभाव में गर्मी शुरू होने के साथ ही जलस्तर तेजी से गिरा है. इन दिनों पिंडदान के प्रतिदिन औसतन 10 हजार तीर्थयात्री यहां आ रहे हैं. ऐसे में पानी की कमी के कारण उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.

कर्मकांड के लिए प्रतिदिन पहुंच रहे 10 हजार तीर्थयात्री

गौरतलब है कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2019 में इस डैम का निर्माण शुरू कराया गया था. 324 करोड़ रुपये में इस डैम का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आठ सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया. 411 मीटर लंबा व तीन मीटर ऊंचा फल्गु नदी के सतही व उप-सतही जल प्रवाह को रोककर जल का संचयन किया गया. ठहरे हुए पानी की समय-समय पर सफाई के लिए चार बोरवेल की स्थापना की गयी. स्थानीय लोगों की माने तो कभी-कभी केवल एक बोरवेल चालू किया जाता है.

मिनी पितृपक्ष मेला शुरू

डैम का जलस्तर कम होने से पिंडदान के निमित्त आ रहे तीर्थयात्रियों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मेला क्षेत्र में देवघाट के पास केवल एक ही चापाकल रहने से अधिकतर तीर्थयात्री नदी में कुंड खोदकर पानी की अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. तीर्थवृत्ति सुधारिणी सभा के अध्यक्ष गजाधर लाल कटरियार ने बताया कि वैसे तो सालों भर तीर्थयात्रियों का यहां आना होता है. लेकिन पितृपक्ष व मिनी पितृपक्ष मेले में तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हो जाती है. चैत माह की पहली तारीख से वैशाख पूर्णिमा तक दो माह का मिनी पितृपक्ष मेला लगा हुआ है. प्रतिदिन औसतन 10 हजार तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. अवासन क्षेत्र में रहने वाले तीर्थयात्रियों को तीर्थ पुरोहित से पानी की मदद मिल जाती है, लेकिन जो सीधे मेला क्षेत्र पहुंचते हैं उन्हें पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

डीएम ने की थी बैठक

गयाजी डैम के अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा संबंधित विभागों के साथ 25 फरवरी 2025 को बैठक आयोजित की गयी थी. गयाजी डैम को स्वच्छ व निर्मल के साथ-साथ जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से संबंधित विभाग के पदाधिकारी को जरूरी निर्देश भी दिये गये थे. लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद भी डीएम के निर्देश का अनुपालन नहीं हो सका है. बैठक में विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पुरोहितों, समाज सेवी सहित अन्य पुरोहितों के साथ साथ जिला वन पदाधिकारी, नगर आयुक्त व गयाजी डैम के कार्यपालक अभियंता के साथ विचार विमर्श किया गया था. बैठक में डीएम ने कहा था कि गयाजी डैम के पानी को मेंटेन रखने के लिए चार डीप बोरिंग की गयी थी, सभी बोरिंग को अगले दो दिनों के अंदर फंक्शनल करवाते हुए चालू करवाने का निर्देश दिया था. इसके अलावा जरूरत के अनुसार अतिरिक्त बोरिंग करवाने का भी सुझाव दिया था.

क्या कहते हैं डीएम

गया के डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने बताया कि संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा स्थिति को रिव्यू किया जा रहा है. कहीं-कहीं टेक्निकल प्रॉब्लम के कारण विभाग के कर्मचारियों को काम करने में दिक्कतें आ रही है. समस्या को चिन्हित कर लिया गया है. बहुत जल्द मोटर पंप चालू कर गयाजी डैम के जलस्तर को मेंटेन कर दिया जायेगा.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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