डोभी. डोभी प्रखंड में अवैध रूप से किये जा रहे गहरे बालू खनन ने मंगलवार शाम एक मजदूर की जान ले ली. यह हादसा निगरी गांव के पास बीके इंटरप्राइजेज बालू घाट पर हुआ, जहां 23 वर्षीय बाबूलाल मांझी बालू खनन से बने विशाल गड्ढे में डूबकर मौत का शिकार हो गया. बाबूलाल मांझी, फतेहपुर थाना क्षेत्र का निवासी था और निगरी के पास जगन यादव के ईंटा भट्ठा में मजदूरी करता था. मंगलवार की शाम के समय शौच के लिए निकला था, तभी बालू खनन से बने विशाल गड्ढे में उतरने के दौरान दलदल में फंस गया और डूब गया. हालांकि, मौके पर मौजूद ट्रक ड्राइवर और जेसीबी ऑपरेटर ने उसे डूबते देखा और बचाने की कोशिश की, लेकिन काफी देर हो जाने के कारण जान नहीं बचाई जा सकी.
स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा, बालू घाट पर तोड़फोड़
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग आक्रोशित हो उठे. भीड़ ने मौके पर मौजूद लगभग 10 ट्रकों के शीशे तोड़ डाले और बालू घाट के ऑफिस पर हमला कर लैपटॉप, डेस्कटॉप सहित कई सामग्री लूट ली. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
खनन नियमों की अनदेखी बनी हादसों की वजह
गौरतलब है कि खनन विभाग के निर्देशों के अनुसार अधिकतम 10 फीट तक ही बालू खनन की अनुमति है, लेकिन डोभी क्षेत्र में 20 से 25 फीट तक गड्ढे खोद कर बालू का अवैध उठाव किया जा रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा भी 10 जून से 15 अक्टूबर तक घाट बंद करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही टेंडर की शर्तों में गड्ढों को 10 जून से पहले भरने की स्पष्ट हिदायत है. लेकिन, इन निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है.प्रभात खबर ने चेताया था
इस घटना से दो दिन पहले ही दो जून को ””प्रभात खबर”” ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें निगरी, बजौरा, मुंशीचक और मखरौर घाट पर बालू संवेदकों द्वारा किए जा रहे अनियंत्रित खनन को उजागर किया गया था. रिपोर्ट में घटनाओं की आशंका पहले ही जताई गयी थी, लेकिन प्रशासन और खनन विभाग की लापरवाही के कारण एक और जान चली गयी.
संवेदकों पर कार्रवाई और घाटों की निगरानी की मांग
स्थानीय लोगों ने मृतक के परिजनों को मुआवजा, अवैध खनन के लिए संवेदक पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और घाटों की सख्त निगरानी की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है