गया जी. नगर निगम के वार्ड नंबर 44 स्थित गदालोल नाला कई वर्षों से लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. नाले पर अतिक्रमण कर कई जगहों पर लोगों ने मकान बना लिया है. नगर निगम एक दशक से अतिक्रमण हटाने के लिए काम करने का दावा कर रही है. हर बाद बारिश के समय नाला व रोड एक हो जाता है. नाले की उड़ाही भी समय पर नहीं हो पाता है. निगम की टीम जब उड़ाही करने पहुंचती हैं, तो जगह ही नहीं मिल पाता है. कई बार नाला जाम रहने के चलते पानी लोगों के घरों में ही घुसता है. पिछले 10 वर्षों से 40 से अधिक लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस निगम से दिया जा रहा है. पार्षद की ओर से अतिक्रमण हटाने की मांग की जाती है, तो निगम की ओर से नोटिस देकर मामला को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. तीन हजार से अधिक घरों के साथ पहाड़ का पानी भी इस नाला से होकर मनसरवा में मिलता है. अतिक्रमण के कारण नाला का स्वरूप लगभग समाप्त होता जा रहा है. निगम की आरे से जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ इतना ही कहते हैं कि फाइल मंगवा कर देख रहे हैं उसके बाद कार्रवाई की जायेगी.
क्या कहती है पार्षद
बार-बार अतिक्रमण हटाने के नोटिस देने के बाद अतिक्रमणकारी खाली नहीं कर रहे हैं. निगम की ओर से आगे की कार्रवाई अब तक नहीं की जा रही है. इस मामले में लगता सेटिंग कर लिया जा रहा है. हालांकि, चंद लोगों के अतिक्रमण के चलते पूरा एरिया इसका खामियाजा भुगत रहा है. बारिश होने पर नाला व रोड एक समान हो जाता है.
संगीता देवी, पार्षद वार्ड नंबर- 44B
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