बोधगया. गौतम बुद्ध ने जहां ज्ञान की प्राप्ति की थी एवं विश्व को शांति और करुणा का पाठ पढ़ाया था, वहां कुछ तथाकथित बुद्धिस्ट, आकाश लामा के नेतृत्व में 12 फरवरी से धरना पर बैठे हुए हैं, जो पूर्णतः गैरकानूनी एवं गलत मंशा से प्रेरित है. इन प्रदर्शनकारियों को न तो भगवान बुद्ध की शिक्षा एवं संदेश का ज्ञान है और न ही यह लोग बोधगया की पावन धरती के मान-सम्मान की परवाह कर रहे हैं. यह प्रदर्शन मेरे हिसाब से राजनीति से प्रेरित है और यह भारत एवं बोधगया के महत्व और इसकी अंतरराष्ट्रीय साख को धूमिल करने का प्रयास है. उक्त बातें महाबोधि मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष भदंत आनंद महाथेरा ने बुधवार को प्रेसवार्ता में कही. उन्होंने कहा कि धरने में जिस तरह से गलत एवं गैर मर्यादित भाषा का प्रयोग हो रहा है, वह अशोभनीय एवं बौद्ध सिद्धांतों के विपरीत है. यह प्रदर्शन कुछ लोभी और अवसरवादी लोगों के हाथों द्वारा संचालित हो रहा है जो गलत एवं भ्रामक तथ्यों को सोशल मीडिया पर प्रचारित एवं प्रसारित कर देश- विदेश के बुद्धिस्ट अनुयायियों से केवल चंदा मंगा रहे हैं. इस आंदोलन के मुख्य कर्ता-धर्ताओं में से आकाश लामा, भंते करुणाशील, भंते सुमित रत्न, बीटीएमसी के पूर्व सचिव भंते प्रज्ञाशील अपने-अपने निजी बैंक अकाउंट में चंदा का पैसा मंगवा रहे हैं. भदंत आनंद महाथेरा ने कहा कि बोधगया में आंदोलन कर रहे तथाकथित बुद्धिस्टों द्वारा दिये जा रहे धरने का तार अंतरराष्ट्रीय भी हो सकता है व देश की एकता को खंडित करने की साजिश भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी जिन हिंदुओं को गाली दे रहे हैं, वही हिंदू सदियों से भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार मानकर उनकी पूजा करते आ रहे हैं एवं जब तुर्कों ने महाबोधि मंदिर को तहस-नहस कर दिया था तब यही हिंदू महाबोधि मंदिर को संरक्षित करने में अपना विशेष योगदान दिया था. यह आंदोलन एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है, जिसमें कुछ भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय शक्तियां भारत की एकता और अखंडता को खंडित कर भारत को विश्व गुरु बनने से रोकने का प्रयास कर रही हैं. प्रेसवार्ता में सत्यानंद महाथेरा भी मौजूद थे.
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