गया जी. समाहरणालय सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में जिले में संचालित विभिन्न भू-अर्जन से संबंधित विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, नेशनल हाइवे परियोजनाएं और भारतमाला योजना सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये. डीएम ने कहा कि वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो गया जिले के इमामगंज और डुमरिया जैसे अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. इसमें कुल 29 मौजा और 34.75 किमी क्षेत्र शामिल हैं. इस परियोजना को लेकर भू-अर्जन प्रक्रिया में गंभीरता बरतने के निर्देश दिये गये.
एनएच-82 और एनएच-83 की स्थिति संतोषजनक
गया-हिसुआ-बिहारशरीफ (एनएच-82) परियोजना के तहत 41 राजस्व ग्राम और 122.85 हेक्टेयर भूमि पर अधिग्रहण हुआ है. अब तक 219.10 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया जा चुका है और कार्य लगभग पूर्ण है. पटना-गया-डोभी (एनएच-83) फोर लेन परियोजना में 62 राजस्व ग्राम शामिल हैं. इस योजना के तहत 562.62 करोड़ की राशि में से 539.83 करोड़ वितरित किये जा चुके हैं. सर्विस लेन के कुछ हिस्सों में अतिक्रमण की समस्या है, जिसे जल्द दूर करने का निर्देश दिया गया है.शेरघाटी एसडीओ को मिली विशेष जिम्मेदारी
एनएच-दो औरंगाबाद-चोरदाहा सिक्स लेन परियोजना में 64 गांवों में भू-अर्जन किया गया है. डीएम ने शेरघाटी एसडीओ को निर्देश दिया कि वे अतिक्रमण की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करें और कार्य को सुचारू रूप से आगे बढ़ाएं. आमस से दरभंगा भारतमाला परियोजना (एनएच-119डी) की समीक्षा में पाया गया कि अब तक 1896 रैयतों को मुआवजा भुगतान किया गया है, जबकि 994 रैयतों का एलपीसी लंबित है. डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जहां रैयतों के नाम स्पष्ट है, वहां तीन दिनों के अंदर एलपीसी निर्गत किया जाये.औद्योगिक कॉरिडोर: शिविर लगाकर एलपीसी वितरण का निर्देश
अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत अब तक 1409 रैयतों को मुआवजा वितरित किया गया है. शेष के लिए गांव-वार शिविर लगाकर एलपीसी निर्गत करने और लोगों को अधिग्रहण की प्रक्रिया की जानकारी देने का निर्देश दिया गया. डोभी अंचल में एलपीसी और जमाबंदी से जुड़ी समस्याओं को जल्द निबटाने को कहा गया है.हर प्रोजेक्ट में दो अमीन की नियुक्ति
डीएम ने निर्देश दिया कि जिले में संचालित प्रत्येक परियोजना में दो-दो अमीन नामित किए जाएं ताकि वे संबंधित गांवों में जाकर भूमि मापन और अन्य कार्यों को शीघ्र पूरा कर सकें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है