बोधगया. खेलो इंडिया यूथ गेम्स में बुधवार का दिन गतका के लिए ऐतिहासिक रहा. क्योंकि आइआइएम बोधगया परिसर में इस पारंपरिक खेल के सभी छह स्वर्ण पदक दांव पर थे. दिन की शुरुआत शांत माहौल में हुई, लेकिन आधे घंटे के भीतर जब बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे दर्शक बनकर पहुंचे तो माहौल जोश से भर गया. हर मुकाबला उत्साहपूर्ण दर्शकों के सामने जोश के साथ हुआ. प्रतियोगिता के बाद यह साफ था कि गतका, जो एक पारंपरिक युद्धकला है, को अब नया जोश और नया जीवन मिल रहा है. इस दिन की ऊर्जा ने इस खेल के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीदें जगा दी हैं. खिलाड़ी लकड़ी की छड़ी (जिसे सोटी कहते हैं) और ढाल (फर्री) का उपयोग करते हैं और अधिकतम अंक अर्जित करने की कोशिश करते हैं. महाराष्ट्र की कोच आरती चौधरी से जब पूछा गया कि यह खेल महाराष्ट्र में इतनी तेजी से कैसे लोकप्रिय हुआ, तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में गतका का एक अपना रूप है जिसे मरदानी कहा जाता है. नियम अलग होते हैं, लेकिन बहुत सी समानताएं भी हैं. असल में हर क्षेत्र में इस तरह के पारंपरिक खेल होते हैं, बस नाम अलग होते हैं. कोच आरती चौधरी मानती हैं कि भारत सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन ने गतका और अन्य पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभायी है. उन्होंने कहा कि सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है.
मैं भी लकड़ी की सोटी उठाऊं और इस खेल में हिस्सा लूं : छात्रा जैनब परवीन
बिहार के एक मिडिल स्कूल शिक्षक रवि रोशन अपने छात्रों को इस आयोजन में भाग लेने के लिए लाये, ताकि वे पारंपरिक खेलों से जुड़ सकें. उन्होंने कहा कि बच्चे यहां दो-तीन दिन से हैं और अब उनमें गतका और मलखंभ जैसे खेलों को अपनाने की इच्छा दिख रही है. रवि रोशन को उम्मीद है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी से बिहार एक प्रमुख खेल राज्य बनेगा. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब बिहार खेलो इंडिया की मेजबानी कर रहा है. मुझे लगता है कि इससे यहां के खेलों को दीर्घकालिक फायदा होगा. मुझे उम्मीद है कि बिहार गतका में पदक जरूर जीतेगा. कक्षा आठ की छात्रा जैनब परवीन ने इस प्रभाव को एक वाक्य में समेटा. उन्होंने कहा कि गतका देखने के बाद मेरा भी मन कर रहा है कि मैं भी लकड़ी की सोटी उठाऊं और इस खेल में हिस्सा लूं.
बुधवार को गतका में पदक विजेता
टीम फर्री सोटी (बालिका):
स्वर्ण: झारखंडरजत: महाराष्ट्र
कांस्य: बिहार और मध्यप्रदेशटीम फर्री सोटी (बालक):
स्वर्ण: चंडीगढ़
रजत: पंजाबकांस्य: झारखंड व बिहार
सिंगल सोटी व्यक्तिगत (बालक):
स्वर्ण: गुरसेवक सिंह (पंजाब)रजत: अशदीप सिंह (पंजाब)
कांस्य: गगनदीप सिंह (दिल्ली), मंदीप सिंह (हरियाणा)सिंगल सोटी व्यक्तिगत (बालिका):
स्वर्ण: तमन्ना (पंजाब)
रजत: अंशु (बिहार)कांस्य: अर्शप्रीत कौर सग्गू (मध्य प्रदेश), अवनीत कौर (पंजाब)फर्री सोटी व्यक्तिगत (बालक)स्वर्ण: भूपिंदरजीत सिंह (चंडीगढ़)रजत: जगदीप सिंह (पंजाब)कांस्य: अमितोज सिंह डासन (छत्तीसगढ़), आकाश कुमार शर्मा (बिहार)
फर्री सोटी व्यक्तिगत (बालिका):
स्वर्ण: जस्मीत कौर (दिल्ली)रजत: जशनदीप कौर (चंडीगढ़)कांस्य: कोमल जैन (बिहार), सोनू कौर (पंजाब)
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