बोधगया. मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय में संचालित दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस एजुकेशन) कार्यक्रम पिछले कुछ समय से पूरी तरह बंद है. इससे दूरस्थ माध्यम से विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे हजारों छात्र-छात्राएं असमंजस और परेशानी में हैं. कुछ वर्ष पहले तक मगध विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के माध्यम से कई कोर्स संचालित किये जा रहे थे, जिनमें नामांकन लेकर विद्यार्थी अध्ययन कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर रहे थे. लेकिन वर्तमान में ये सभी शैक्षणिक गतिविधियां ठप हैं. इस संबंध में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के एक पदाधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, केवल वही विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम चला सकते हैं जिन्हें नैक मूल्यांकन में ग्रेड ””ए”” प्राप्त हो. जबकि मगध विश्वविद्यालय को वर्ष 2015 में हुए नैक मूल्यांकन में ग्रेड ””सी”” मिला था. इस कारण से फिलहाल विश्वविद्यालय को डिस्टेंस एजुकेशन कार्यक्रम संचालित करने की अनुमति नहीं है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही ने नैक मूल्यांकन की दिशा में कई स्तरों पर प्रयास तेज कर दिये हैं. अधिकारियों के अनुसार, नयी पहल और तैयारियों के बल पर विश्वविद्यालय को इस बार नैक में ग्रेड ””ए”” मिलने की प्रबल संभावना है. ग्रेड ””ए”” प्राप्त होते ही दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के माध्यम से फिर से कोर्स संचालित किये जा सकेंगे. फिलहाल बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों में भी यही स्थिति बनी हुई है. अधिकतर विश्वविद्यालय नैक ग्रेडिंग के अभाव में डिस्टेंस एजुकेशन कार्यक्रम नहीं चला पा रहे हैं. गौरतलब है कि गया स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय को नैक से ग्रेड ””ए ”” प्राप्त है और इसे ग्रेड वन विश्वविद्यालय का दर्जा भी प्राप्त है. फिर भी सीयूएसबी ने अब तक दूरस्थ शिक्षा के तहत कोई कोर्स शुरू नहीं किया है. इस बारे में सीयूएसबी के जनसंपर्क पदाधिकारी मुदस्सीर आलम ने बताया कि डिस्टेंस एजुकेशन शुरू करने के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है. जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, विश्वविद्यालय द्वारा संबंधित कोर्सों की पढ़ाई शुरू की जायेगी.
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