गया जी. तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी के साथ-साथ बिजली की खपत भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही है. एसी, कूलर और बिजली पंखों की मांग के चलते शहर में लोड अत्यधिक बढ़ गया है. इसके परिणामस्वरूप बार-बार पावर कट की समस्या ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. भीषण गर्मी और बिजली की अनियमित आपूर्ति से शहरवासी कराह उठे हैं. चंदौती पावर ग्रिड के सहायक अभियंता सह ग्रिड प्रभारी पिंकी गौतम ने बताया कि गया शहर में प्रतिदिन औसतन 102 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है. यह आंकड़ा वर्ष 2024 के जुलाई महीने की औसत खपत 106 मेगावाट के करीब पहुंच चुका है, जबकि अभी जून ही चल रहा है. उन्होंने बताया कि जाड़े के मौसम में शहर की खपत औसतन 60 से 65 मेगावाट, जबकि बरसात के मौसम में कृषि उपकरणों के उपयोग के चलते यह 90 मेगावाट तक पहुंच जाती है.
तकनीकी फॉल्ट से होता है पावर कट
पिंकी गौतम के अनुसार, खपत की तुलना में बिजली पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और ग्रिड के पास हर समय 10 से 15 मेगावाट की अतिरिक्त बिजली मौजूद रहती है. परंतु गर्मी में बढ़ते लोड के कारण फीडरों पर तकनीकी खराबी आ जाती है. इससे अस्थायी तौर पर बिजली आपूर्ति बाधित होती है. उन्होंने कहा कि साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को जैसे ही फॉल्ट की सूचना मिलती है, तत्काल मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाता है. हालांकि मेजर फॉल्ट की स्थिति में समय अधिक लग सकता है.
फीडरों की मरम्मत और मेंटेनेंस कार्य जारी
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के शहरी क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार प्रवीण ने बताया कि शहर में पावर कट की समस्या से निबटने के लिए सभी फीडरों और पावर सब स्टेशनों का तकनीकी रखरखाव किया गया है. गर्मी में तारों और ट्रांसफार्मरों पर अतिरिक्त दबाव पड़ने से उन्हें नुकसान होता है, जिसकी भरपाई के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि मरम्मत कार्य के दौरान पावर कट करना आवश्यक हो जाता है. दिन-प्रतिदिन उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे स्थायी समाधान कर पाना चुनौतीपूर्ण है. हालांकि कंपनी इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है.
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