गया. एएनएमएमसीएच के हड्डी रोग विभाग में मरीजों को इलाज के लिए लंबे समय तक इंतजार कराना यहां के लिए आम बात है. ऐसे में मरीजों को अस्पताल की ओर से मिलनेवाला खाना भी नहीं मिले, तो क्या होगा. यहां भर्ती मरीजों ने बताया कि शनिवार की रात 10 बजे तक खाना नहीं मिलने पर कर्मचारियों से पूछा, तो बताया गया कि खाना खत्म हो गया है. विभाग के अंतिम वाले रूम व गलियारे के कुछ मरीजों को खाना नहीं मिलेगा. खाना नहीं मिलने की बात सुनकर मरीज परेशान हो गये. कुछ मरीज पानी पीकर सो गए, तो कुछ लोगों ने बाहर की दुकान से बिस्कुट मंगवा कर खाया. कर्मचारियों ने बताया कि यह एक दिन की प्रक्रिया नहीं है. कई दिन ऐसा होते रहता है. खाना बांटते-बांटते पिछले दिनों ट्राॅमा सेंटर में भर्ती मरीजों को खाना नहीं मिल सका था. मरीजों ने बताया कि सुबह में अंडा, ब्रेड व थोड़ा सा खुला हुआ दूध दिया जाता है. दोपहर में थोड़ा चावल, अधकच्ची सब्जी व पतली दाल दी जाती है. रात में चार रोटी व सब्जी दी जाती है. इससे पेट नहीं भरता है. उन्होंने बताया कि गरीब होने के चलते बहार से खाना भी नहीं मंगवा सकते हैं. यहां वार्ड में एक माह से अधिक समय तक भर्ती रहना पड़ता है. ऐसे देखा जाये, तो मरीज को समय पर इलाज नहीं होने की शिकायत यहां लिए बहुत ही पुरानी है. कई अधिकारी बदलने के बाद भी इस विभाग में कोई खास सुधार नहीं हो सका.
भरपेट खाना भी यहां मरीजों को नहीं मिलता है. इसमें शिकायत करने पर साफ कहा जाता है कि जिससे शिकायत करनी है कर दो. कुछ होनेवाला नहीं है. ऐसा ही इतने ही मात्रा में खाना मिलेगा.डोमन पासवान, मरीज
देर से खराब खाना दिया जाता है. इसमें किसी तरह की जांच अस्पताल की ओर से होनी चाहिए. इस तरह बहुत अधिक दिनों तक मरीज को स्वस्थ नहीं रखा जा सकता है. इसमें सुधार की जाये.राकेश कुमार, मरीजयहां का खाना ठीक नहीं रहता है. उस पर से मात्रा इतनी होती है कि खाने के बाद पेट नहीं भरता है. मजबूरी में यहां का खाना खा कर किसी तरह जिंदा रह रहे हैं. इलाज कराना बहुत जरूरी है.
रिंकू देवी, मरीजमरीजों को मिलनेवाला खाना जानवर भी नहीं खायेगा. यहां यही सोच कर ऐसा खाना दिया जाता है कि मरीज को इलाज कराने की मजबूरी है. किसी तरह का खाना देंग, तो चुपचाप खा लेगा.ललेंद्र सिंह, मरीजदोपहर में थोड़ा सा चावल, रात में सिर्फ चार रोटी व बेढंगी सब्जी दी जाती है. इससे किसी जवान मरीज का पेट नहीं भरेगा. अधिक खाना मांगने पर साफ कहते हैं कि इससे अधिक खाना नहीं मिलेगा.
संदीप भारती, मरीजरोटी ऐसी रहता है कि यहां पर बुजुर्ग मरीजों से टूटती तक नहीं है. पानी में नमक मिलाकर रोटी डाल कर किसी तरह खाते हैं. इस तरह का व्यवहार दुश्मन से भी नहीं किया जाता है. इसमें सुधर लाया जाये.रंजू देवी, मरीज
मरीज को भूखे रखना अमानवीय व्यवहार
मरीज को किसी भी हालत में खाना खत्म बताकर भूखे नहीं रखा जा सकता है. एजेंसी को यहां सभी मरीजों को खाना देने के लिए जिम्मेदारी दी गयी है. कुछ दिनों से खाना खत्म होने की शिकायत मिल रही है. खाना भी मरीज को कम नहीं दिया जा सकता है. पेट भर खाना देना ही होगा. इस मामले में अन्य अधिकारी से बात कर कार्रवाई की जायेगी. डॉ एनके पासवान, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएचडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है