23.2 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Gaya News : विषम परिस्थिति में भी लोगों का व्यवहार होना चाहिए संयमित

कहा, कई तरह की नयी बीमारी व समाज की गंभीर चुनौतियों के बीच लोगों को स्वस्थ रखने के लिए करना है सेवा

गया जी. डॉक्टरों को नोबल पेशे के हकदार के साथ समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है. हर जगह इन्हें सुपर हीरो के रूप में ही देखा जाता है. कई तरह की महामारी व विषम परिस्थिति में डॉक्टर लोगों के लिए ढाल बनकर खड़े रहते हैं. हाल के दिनों में देखा जाये, तो कई तरह की नयी बीमारी व गंभीर चुनौतियों के बीच भी लोगों को स्वस्थ रखने के लिए हर वक्त डॉक्टर तत्पर रहते हैं. लेकिन, गंभीर बीमारियों में रक्षक बनने वाले डॉक्टर की परेशानी व इनके जीवनशैली के बारे में शायद ही कोई सोचता है. हाल के दिनों में देखा गया है कि इनके पेशे पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं. इसके बाद भी इनकी समाज में अहमियत कम नहीं हुई है. वर्तमान परिवेश में हर किसी को डॉक्टर की जरूरत पड़ती है. 1991 से हर वर्ष देश में एक जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन मानवता और समाज में डॉक्टरों के योगदान को स्वीकार करने और देश और मानव जाति के प्रति उनकी सेवा के लिए आभार व्यक्त करने के लिए समर्पित है.

हर कोई मशीन की तरह ही रिजल्ट चाहता है, इसमें काम करना मुश्किल

डॉक्टरों ने बताया कि वर्तमान समय में हर कोई मशीन की तरह ही रिजल्ट चाहता है. इस तरह के परिवेश में काम करना मुश्किल हो जाता है. अतिगंभीर मरीज को भर्ती कराते वक्त परिजन आरजू विनती करते हैं. अगर देर से मरीज को अस्पताल लाने व अन्य गंभीर कारणों से मौत होने पर डॉक्टर के साथ मारपीट, तोड़फोड़ व हंगामा करने लगते हैं. परिजन मरीज की स्थिति को नहीं समझ पाते हैं. डॉक्टर अब मरीज के जान बचाने के लिए इलाज शुरू करने से पहले बाद की स्थिति का आंकलन कर लेते हैं. लोगों को हर स्थिति में संयम से काम लेने की जरूरत है. इसके बाद ही बेखौफ होकर मरीज के पक्ष में डॉक्टर काम कर सकेंगे. डॉक्टर्स सॉफ्ट टारगेट भी हैं, कभी किसी डॉक्टर को पीट दिया, किसी को धमकी दे दी. किसी को आत्महत्या पर विवश कर देना यहां के लिए आम बात हो गयी है. सड़क टूटने के कारण होने वाली दुर्घटना के लिए ठेकेदार को जिम्मेदार मानते हुए भी उसके साथ ऐसा कभी नहीं करते हैं. डॉक्टरों की सीमा बंधा हुआ है. अपनी ओर से काई भी डॉक्टर मरीज को ठीक करने के लिए ही हाथ पांव मारता है.

डॉक्टर्स के साथ संवेदनशीलता बरतने की जरूरत

डॉक्टरों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में लोगों को बताने, प्रयासों की सराहना करने और बेहतर संसाधनों और काम करने की अनुकूल स्थितियां सुनिश्चित करना जरूरी है. हाल के दिनों इस क्षेत्र को और बेहतर बनाने के लिए हर स्तर पर काम किया गया है. डॉक्टरों को भी अपनी ओर से ऐसा प्रयास करना चाहिए कि लोगों को उनके व्यवहार से किसी तरह का कष्ट नहीं हो. हालांकि इन सबके बीच डॉक्टर्स के साथ अक्सर होने वाली मारपीट-दुर्व्यवहार की घटनाओं को रोकने, उनके व्यक्तिगत जीवन को स्पेस देने और डॉक्टर्स के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशीलता बरतने की जरूरत है.

डॉ केके सिन्हा, अधीक्षक, एएनएमएमसीएच

मरीज व परिजन को बीमारी के बारे में दें स्पष्ट जानकारी

अपने कर्तव्य को ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करने के बाद बहुत कम जगहों पर परेशानी आती है. मरीज व उनके परिजन को बीमारी के बारे में स्पष्ट जानकारी देकर इलाज शुरू किये जाने के बाद किसी तरह का संकोच नहीं रहता है. हाल के दिनों में देखा जाये, तो इस पेशे पर भी कई तरह के कीचड़ उछालने का काम बिना जानकारी वाले लोग इस पेशे को नाजायज तौर पर अपनाकर किये है. ये सीधे लोगों के जान से खिलवाड़ करते हैं. इस तरह के लोगों को चिह्नित कर खुद ही जाल में फंसने से बचना चाहिए. इसके चलते मरीज को जान भी गंवानी पड़ सकती है. सरकार की ओर से भी कार्रवाई की जाती है.

डॉ एमइ हक, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी

विषम परिस्थिति में भी सेवाभाव के संकल्प को न छोड़ें

भगवान की ओर से इस पेशे को अपनाकर लोगों की सेवा ताउम्र करने का मौका मिला है. इससे खूबसूरत पेशा और कुछ नहीं हो सकता है. इस पेशे में कर्तव्यों का निर्वहन कर लोगों से इज्जत पाने का अच्छे मौके के साथ बेहतर जीवन यापन भी हो जाता है. हर वर्ग इस पेशे में शामिल लोगों का सम्मान करते हैं. चिकित्सकों को भी इसका हर मोड़ पर ख्याल रखना चाहिए. समाज ने डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया है. इस जिम्मेदारी को रुपये कमाने के लिए नहीं सेवा भाव से करने में खुद का जीवन भी सुखमय हो जाता है. आइए इस डॉक्टर डे पर संकल्प ले कि किसी तरह के विषम परिस्थिति में भी सेवाभाव के संकल्प को नहीं छोड़ेंगे.

डॉ विपुल कुमार, उपाधीक्षक, एएनएमएमसीएच

जीवन को आसान बनाने के लिए शरीर का स्वस्थ रहना जरूरी

डॉक्टरों के सेवा, समर्पण व करुणा को पहचानने के लिए हर साल एक जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाता है. यह दिन डॉक्टरों द्वारा समुदायों के उपचार, सुरक्षा और समर्थन में अक्सर बड़ी व्यक्तिगत कीमत पर निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान किया जाता है. जीवन को आसान बनाने के लिए शरीर का स्वस्थ रहना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. अगर आप बीमारियों से दूर रहेंगे तो जिंदगी के हर एक पल को खुशी-खुशी जी पायेंगे. डॉक्टर ही बीमारियों से हर किसी को दूर रखते हैं. फिलहाल के समय में हर कोई किसी-न-किसी बीमारी का शिकार रहता है. ऐसे में डॉक्टर ही हर किसी के लिए सहारा रहते हैं.

डॉ तेजस्वी नंदन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, मेडिवर्स हॉस्पिटल

जीवन बचाने के लिए सेवा भाव वाला जुनून जरूरी

डॉक्टरों की मौजूदगी से हमारा जीवन बहुत प्रभावित होता है. शवगृहों और प्रसूति अस्पतालों में डॉक्टर व्यक्ति के पहले और अंतिम क्षणों को प्रमाणित करते हैं. जीवन बचाने और उपचार करने के लिए उनका सेवा भाव वाला जुनून और समर्पण उन्हें एकजुट करता है. डॉक्टरों के कड़ी मेहनत से ही मरीजों को जीवनदान मिल पाता है. ऐसी स्थिति में इस पेशे को समाज में प्रतिष्ठा से देखा जाता है. चिकित्सकों को हर हाल में इस सम्मान को बरकरार रखने के लिए अपने कार्यशैली की प्रस्तुति नरम व बेहतर प्रदर्शित करना होता है. इस तरह के काम से प्रतिष्ठा को और ऊंचाई मिलेगी.

डॉ संजय कुमार, उपाधीक्षक, सदर हॉस्पिटल गयाB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel