इमामगंज. झिकटिया पंचायत अंतर्गत चपरी गांव में उस समय मातमी सन्नाटा छा गया, जब दिल्ली सड़क हादसे में मारे गये एक मजदूर और तीन बच्चों के शव मंगलवार को गांव पहुंचे. जैसे ही दो एंबुलेंसों से शव गांव लाये गये, परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया. बड़ी संख्या में ग्रामीण अंतिम दर्शन को इकट्ठा हो गये और परिजनों को ढांढस बंधाने की कोशिश की. मृतकों में 26 वर्षीय रणजीत कुमार मांझी और तीन बच्चे शामिल हैं, जिनकी मृत्यु दिल्ली के द्वारिका एक्सप्रेसवे पर एक पिकअप वैन के पलटने से हो गयी थी. बताया जा रहा है कि पिकअप में मजदूरों की भीड़ थी और अचानक टायर फटने के कारण वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया. हादसे में कई अन्य घायल भी हुए हैं. शव गांव पहुंचते ही रणजीत कुमार का दाह संस्कार किया गया, जबकि तीनों बच्चों को स्थानीय परंपरा के अनुसार दफनाया गया. इस मौके पर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गयी. इस दुखद हादसे पर लघु जल संसाधन मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन ने गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि जैसे ही घटना की जानकारी मिली, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के निर्देश पर एक टीम को रवाना कर सभी मजदूरों को तत्काल राहत पहुंचायी गयी. घायलों को एक सुरक्षित बस से गांव भेजा गया और उनके प्राथमिक इलाज के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम गांव पहुंची, जहां उनका उपचार किया गया. गौरतलब है कि यह हादसा दिल्ली के द्वारिका एक्सप्रेसवे पर उस समय हुआ जब चपरी गांव के मजदूर काम से लौट रहे थे. टायर फटने से पिकअप वैन के पलटने से यह भीषण दुर्घटना हुई.
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