हेपेटाइटिस स्क्रीनिंग को लेकर सीएस ने की समीक्षा बैठक
वरीय संवाददाता, गया जी.
हेपेटाइटिस बी की स्क्रीनिंग के लिए काम किया जा रहा है. हेपेटाइटिस बी वायरस लीवर को खराब करने के साथ संक्रमण से गुर्दे भी खराब कर देता है. इसके अलावा मस्तिष्क व हृदय पर भी बुरा प्रभाव आता है. हेपेटाइटिस लक्षणों के बिना भी हो सकता है. लेकिन, अच्छी बात यह है कि समय पर लक्षणों की पहचान और जांच व रोकथाम से इससे बचने में मदद मिल सकती है. यह बातें सिविल सर्जन डॉ राजाराम प्रसाद की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के सभी वरीय अधिकारियों के साथ हुई स्क्रीनिंग संबंधी समीक्षा बैठक में कहीं. उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी की जांच के लिए सदर अस्पताल में भी इंतजाम किया जा रहा है. अब लोगों को जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने बैठक में कहा कि हेपेटाइटिस बी और सी रक्त और यौन संपर्क से फैलते हैं. हेपेटाइटिस बीमारी का यदि समय पर उपचार न कराया जाये, तो इसमें मरीज की जान तक चली जाती है. इसीलिए, जिले में भी हेपेटाइटिस के रोगियों को खोजने का काम किया जा रहा है. हेपेटाइटिस के लक्षणहेपेटाइटिस के लक्षणों में थकान महसूस होना, पेट में दर्द रहना, भूख न लगना आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि उल्टी-दस्त की परेशानी होना तथा जोड़ों में दर्द और पीलिया होना भी शामिल हैं. इसके बचाव के लिए जरूरी है कि उपचार के दौरान नयी सुई का प्रयोग करें. फल व सब्जियों को धोकर ही प्रयोग में लाएं. बच्चे के जन्म के समय हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण कराएं.
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