गुरुआ. प्रखंड के चिलोर गांव के समीप पोखर के पिंड पर मनरेगा योजना के तहत लगाये गये सैकड़ों पेड़ों को ठेकेदार द्वारा काट दिये जाने का मामला सामने आया है. इस घटना से स्थानीय ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है. गौरतलब है कि बांकेबाजार प्रखंड की लुटुआ पंचायत अंतर्गत शंकरपुर गांव के समीप आहर पर भी मनरेगा के तहत लगाये गये सैकड़ों पेड़ों को काटे जाने का मामला पिछले दिनों आया था. ग्रामीणों का आरोप है कि लघु जल संसाधन विभाग द्वारा आहर पर मिट्टी भरने के नाम पर इन पेड़ों की कटाई की गयी है. इधर चिलोर में पेड़ काटे जाने की घटना पर ग्रामीण पवन कुमार, पुकार मंडल, रवींद्र चौधरी, प्रमोद पासवान, शैलेंद्र कुमार, राजेश कुमार और पुकार पासवान ने बताया कि क्षेत्र में इन दिनों पेड़ों की अंधाधुंध कटाई ने पर्यावरण प्रेमियों और आमजन की चिंता बढ़ गयी है. सरकार जहां एक ओर पौधारोपण अभियान के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर ठेकेदार द्वारा की जा रही पेड़ कटाई इस मुहिम को कटघरे में खड़ा कर रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पेड़ों की इस अवैध कटाई पर न तो जनप्रतिनिधियों की कोई प्रतिक्रिया है और न ही प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई की जा रही है. इससे क्षेत्र की हरियाली तेजी से कम हो रही है और वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसका सीधा असर आम लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. एक ओर जहां स्कूलों में बच्चों को पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ जैसे संदेशों के माध्यम से प्रेरित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में बेधड़क पेड़ों की कटाई इन शिक्षण प्रयासों को खोखला साबित कर रही है. ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में त्वरित संज्ञान लेने और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. उनका कहना है कि जब तक ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के सभी प्रयास व्यर्थ होते रहेंगे.
क्या कहते हैं सीओ
इस संबंध में अंचलाधिकारी मो अतहर जमिल ने बताया कि इसकी सूचना उन्हें नहीं मिली है. लेकिन, अगर इस तरह से ठेकेदार के द्वारा पेड़ों की कटाई की गयी है, तो इसकी जांच की जायेगी. जांच के बाद अगर दोष मिला, तो ठेकेदार के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी.
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