गया जी. जिले में शिशु स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अस्पतालों में बनाये जा रहे ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर को लेकर अनियमितताओं के आरोप सामने आये हैं. जिला परिषद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने निर्माण कार्य में गड़बड़ी का आरोप लगाया है, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. आरोप लगने के बाद जिला स्वास्थ्य समिति और सिविल सर्जन कार्यालय में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल एक जांच कमेटी का गठन किया गया है. स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों में ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर बनाये जाने थे. कई स्थानों पर इसके लिए आवश्यक सामग्री भी भेजी जा चुकी है, लेकिन शिकायतें मिलने के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया है. इस जांच कमेटी में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआइओ) डॉ राजीव कुमार अंबष्ट, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक, संचारी रोग पदाधिकारी डॉ पंकज सिंह तथा शेरघाटी अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ उदय कुमार को शामिल किया गया है.
डीएम हुए गंभीर, गठित की त्रिस्तरीय जांच कमेटी
अवैध निकासी का मामला प्रकाश में आते ही डीएम डॉ त्यागराजन एक्टिव हुए और इस मामले की जांच को लेकर त्रिस्तरीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है. रविवार को डीएम कार्यालय से बताया गया है कि उक्त मामले में डीएम ने त्वरित संज्ञान लेते हुए जांच करने को लेकर त्रिस्तरीय कमेटी बनायी है. इस कमेटी में उपविकास आयुक्त, अपर समाहर्ता-विभागीय जांच व मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक को शामिल किया गया है. साथ ही गठित कमेटी को डीएम ने आदेश दिया है कि तीन दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है