Gaya News: ANMMCH के अधीक्षक डॉ केके सिन्हा ने सभी विभागाध्यक्षों और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि रेफरल पॉलिसी का पालन हर हाल में अनिवार्य है. अब किसी भी मरीज को रेफर करते समय पूरा विवरण रेफरल फार्म में दर्ज करना अनिवार्य होगा. बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि अब मरीजों को रेफर करने का अधिकार सिर्फ सीनियर रेजिडेंट स्तर के डॉक्टरों या उनसे ऊपर के चिकित्सकों को होगा.
जूनियर डॉक्टर या पीजी छात्रों द्वारा मरीजों को रेफर करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. अभी तक आमतौर पर मरीजों को सिर्फ पर्ची पर ही रेफर कर दिया जाता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया रेफरल फाॅर्म के माध्यम से पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ होगी.
रेफर फाॅर्म में भरनी होंगी ये जानकारियां
डॉ. सिन्हा ने बताया कि मरीज को रेफर करते समय फाॅर्म में कई जानकारियों को भरना अनिवार्य है, जैसे- मरीज को अब तक कौन-कौन सी दवाएं दी गयीं, रेफर करने का स्पष्ट कारण, संबंधित विभाग में उस बीमारी के इलाज की सुविधा है या नहीं, मरीज को उच्च केंद्र भेजना क्यों जरूरी है. यह सब विवरण इसलिए जरूरी है ताकि हायर सेंटर पर मरीज के इलाज में कोई बाधा न आये और डॉक्टर को मरीज के मेडिकल इतिहास की पूरी जानकारी पहले से उपलब्ध हो.
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इमरजेंसी वार्ड की जिम्मेदारी उपाधीक्षक पर
अधीक्षक ने यह भी स्पष्ट किया कि इमरजेंसी विभाग की निगरानी और संचालन की पूरी जिम्मेदारी उपाधीक्षक पर होगी. रेफरल से जुड़ी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
बैठक में उपाधीक्षक डॉ विपुल कुमार, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एके झा सुमन, स्किन विभागाध्यक्ष डॉ पीपी प्रभाकर, मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ अभय कुमार, नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ जावेद इकबाल, नोडल अधिकारी डॉ उपेंद्र कुमार, इमरजेंसी इंचार्ज डॉ मनीष सिंह, अस्पताल प्रबंधक नीरज कुमार सिंह, संतोष कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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