गया जी. शनिवार को आजाद पार्क स्थित जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन में काव्य संध्या 567 का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता सुरेंद्र सिंह सुरेंद्र ने और संचालन डॉ राकेश कुमार सिन्हा रवि ने किया. कार्यक्रम का शुभारंभ विजय श्री ने किया, जिन्होंने वर्षा पर कविता सुनाई. चंद्र देव प्रसाद केशरी ने राष्ट्रगीत विश्व पटल पर चमक रहा है मेरा भारत देश महान गाया, जबकि रामानंदन सिंह यादव ने भ्रष्टाचार पर कविता प्रस्तुत की. उदय सिंह ने कजरी गीत, सुरेंद्र पांडेय सौरभ ने गजल, नरेंद्र कुमार ने भोजपुरी कविता, डॉ निरंजन श्रीवास्तव ने वर्षा पर कविता, और सुमन विश्वकर्मा ने प्रेरणादायक कविता सुनायी. इसके अलावा शहीद हसन जैक ने घर पुराना गिर गया तो सब धरा रह जायेगा, विजय कुमार सिंह ने भरत विलाप का प्रसंग, डॉ राम परीखा सिंह ने नारियों के सम्मान पर कविता, बिनोद बरबिगहिया ने रंग बदलता भारत कविता, सहज कुमार ने बदलाव पर कविता और शंकर प्रसाद ने आस्तिक-नास्तिक पर कविता प्रस्तुत की. मुद्रिका सिंह ने मगही रुबाई, डॉ रवि ने व्यंग्यात्मक कविता, और महामंत्री सुमंत ने बरसात पर गीत सुनाया। अंत में सभापति सुरेंद्र सिंह सुरेंद ने सभी कवियों और श्रोताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
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