सात दिवसीय संगीत कार्यशाला शुरू
फोटो- गया- संजीव- 201 से 203संवाददाता, गया जी़
गया जी के कण-कण में संगीत रचा-बसा है. यहां आकर संगीत की सेवा में अपना योगदान देकर अपने को धन्य मानता हूं. संगीतज्ञ राजन सिजुआर संगीत विरासत को बचाये रखने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. यह बातें चांद चौरा स्थित सिजुआर भवन में सुर सलिला ट्रस्ट की ओर से आयोजित सात दिवसीय शास्त्रीय संगीत कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक व पद्मभूषण पंडित साजन मिश्र ने कहीं. इससे पहले उन्होंने शास्त्रीय संगीत कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर सुर सलिला गया जी ट्रस्ट के संरक्षक राय मदन किशोर, संयोजक पंडित राजन सिजुआर, अध्यक्ष प्रो केकेनारायण, सचिव राजेश्वर सिंह, कैप्टन जीवेश्वर सिंह, प्रिंसी डायर उपस्थित थे. इनके अलावे स्थानीय समाजसेवी, संगीत प्रेमी सहित देश के विभिन्न प्रदेश से प्रशिक्षण प्राप्त करने आये दर्जनों छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक मौजूद रहे. मौके पर ट्रस्ट के संरक्षक राय मदन किशोर ने पंडित साजन मिश्र को पुष्पगुच्छ व शाॅल से सम्मानित किया. कार्यक्रम का संचालन गया जी की महत्ता और संगीत की प्राचीन परंपरा पर प्रकाश डालते हुए संस्था के अध्यक्ष प्रो केके नारायण ने किया. अतिथियों का स्वागत संस्थान के सचिव राजेश्वर सिंह ने किया. उन्होंने भविष्य में ऐसी कार्यशाला को और बड़े स्तर पर आयोजित करने पर जोर दिया.कार्यशाला के संयोजक पंडित राजन सिजुआर ने कहा कि जिले के लोगों के लिए सौभाग्य की बात है कि पद्मभूषण पंडित साजन मिश्र विगत कई वर्षों से गया जी में आकर और कठिन संगीत साधना का प्रशिक्षण देकर नयी पौध तैयार कर उन्हें संगीत साधक बना रहे हैं व जो निपुण होकर भारत की संगीत परंपरा व संस्कृति को बचाये रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. उद्घाटन समारोह के बाद पंडित साजन मिश्र ने कार्यशाला का शुभारंभ ओंकारा की प्रस्तुति राजन सिजुआर के साथ किया. इनके साथ तबले पर बनारस घराने के राजेश मिश्र, सारंगी पर विनायक सहाय व हारमोनियम पर रौशन कुमार संगत कर रहे थे. यह जानकारी मीडिया प्रभारी सह वरिष्ठ छायाकर रूपक सिन्हा ने दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है