विष्णुपद मंदिर के सौंदर्यीकरण और विकास को लेकर डीएम किया निरीक्षण, दिये निर्देश
पर्यटन विभाग के माध्यम से प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण पर मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पुरोहितों के साथ किया विचार-विमर्श
संवाददाता, गया जी.
पूरी दुनिया में हिंदुओं के बीच गया जी अपने 18वीं सदी के विष्णुपद मंदिर के लिए जाना जाता है, जो एक अष्टकोणीय मंदिर वाला नदी किनारे का मंदिर है. पास ही में प्राचीन मंगला गौरी मंदिर भस्म कूट पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. यह हिंदू धर्म की गहरी आध्यात्मिक परंपराओं व मानवीय मामलों में दैवीय हस्तक्षेप के लिए सांप्रदायिक श्रद्धा का एक जीवंत प्रमाण है. अनुष्ठानों, त्योहारों के माध्यम से गया जी में विष्णुपद मंदिर आध्यात्मिक मोक्ष व सांप्रदायिक सद्भाव के सार को मूर्त रूप देने वाला एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बना हुआ है. गया जी को पूरी दुनिया में मोक्ष स्थल के रूप में भी जाना जाता है. लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर यहां सालोंभर आते-जाते रहते हैं. यहां आकर पितरों को पिंडदान कर उनके मोक्ष की प्राप्ति की कामना करते हैं. महाकुंभ की तरह प्रत्येक वर्ष यहां आश्विन मास में 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले का आयोजन राजकीय स्तर पर किया जाता है. इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है. दैत्य राज गया सुर के नाम पर नामित गया जी में श्रद्धालुओं के साथ-साथ सालोंभर पर्यटकों का भी आवाजाही होता रहता है. यही कारण है कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी गया को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगातार प्रयत्नशील है. विष्णुपद मंदिर के बुनियादी ढांचे में सुधार, पर्यटन को बढ़ावा देने व मंदिर की विरासत को संरक्षित करने के लिए विकास की आवश्यकता पर पर्यटन विभाग द्वारा जोर दिया गया है. इस उद्देश्य के तहत केंद्र सरकार ने जहां विष्णुपद कॉरिडोर बनाने की घोषणा की है, तो बिहार सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा विष्णुपद मंदिर के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण को लेकर 6196.78 लाख रुपये खर्च किया जा रहा है. इसे मूर्त रूप देने के लिए सोमवार को जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने विष्णुपद पहुंचकर विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पुरोहितों व विभागीय अभियंताओं के साथ बैठक की और कॉरिडोर से संबंधित बनाये गये नक्शे से विस्तार पूर्वक पुरोहितों को अवगत कराया. इस दौरान मंदिर के सौंदर्यीकरण को लेकर पुरोहितों ने भी जिला प्रशासन को कई सुझाव दिये.नक्शे को डीएम के साथ पुरोहितों ने भी देखा
विकास योजनाओं से जुड़े नशे व प्रारूप को डीएम के साथ पुरोहितों ने देखा. साथ ही पर्यटन विकास निगम पटना के कार्यपालक अभियंता, आर्किटेक्चर ने कॉरिडोर डिजाइन के संबंध में विस्तार से बताया. इस परियोजना से विष्णुपद मंदिर सहित दो क्षेत्रों का विकास होगा. विकास कार्यों में विष्णुपद मंदिर के साथ मंदिर के सामने एक आगंतुक सुविधा केंद्र का निर्माण, फल्गु नदी के पास मंदिर के लिए एक भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण, घाट से आगंतुक सुविधा केंद्र तक 140 फुट चौड़े मार्ग का निर्माण, शौचालय और चेंज रूम के तीन सेट, पर्यटक सुविधा केंद्र परिसर, पर्यटक सुविधा केंद्र परिसर के तहत एक पर्यटक सुविधा केंद्र, बस स्टैंड का निर्माण, लगभग 1.28 एकड़ भूमि का विकास, बस स्टैंड से फल्गु घाट पार्किंग क्षेत्र की ओर जाने वाली अन्य संरचनाओं का निर्माण मुख्य रूप से शामिल है.तीन प्रवेश द्वार बनाये जायेंगे
विकास से इस क्षेत्र को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने में मदद मिल सकती है. इस परियोजना से पर्यटन, रोजगार व सांस्कृतिक संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा. बेहतर सड़क व बुनियादी ढांचे से पहुंच पथ में सुधार हो सकता है और आगंतुकों को लाभ मिल सकता है. इस परियोजना के तहत एक साथ जुड़े तीन प्रवेश द्वार बनाये जायेंगे. मध्य द्वार की कुल ऊंचाई लगभग 14 मीटर है और दोनों ओर की ऊंचाई लगभग एक मीटर कम होगी. इस परियोजना के तहत विकास व सौंदर्यीकरण से जुड़े कई अन्य काम कराये जायेंगे.कॉरिडोर के बीच में आ रहे कुछ हिस्से
आर्किटेक ने बताया कि कॉरिडोर निर्माण के लिए तैयार किये गये नक्शे में श्मशान घाट के नीचे नदी के किनारे में बने चेंजिंग रूम, श्मशान घाट पर बने वेटिंग हॉल, श्मशान घाट पर नगर निगम के पुराने जर्जर भवन, तुलसी बाग का कुछ हिस्सा कॉरिडोर के बीच में आ रहा है, जिसे डिमोलिश कराकर कॉरिडोर में शामिल किया जायेगा. बताया गया कि बाइपास के पास सीधा रास्ता श्मशान घाट होते हुए 144 फुट का कॉरिडोर बनेगा, जो सीधे मंदिर तक आयेगा. दक्षिण की ओर से पक्का स्ट्रक्चर तैयार किया जायेगा.मंदिर प्रबंधन ने बेहतर व्यवस्था के लिए दिये सुझाव
तीर्थ यात्रियों व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए मंदिर प्रबंधन ने डीएम व अभियंता को कई सुझाव दिये. उन्होंने कहा कि पितृपक्ष के दौरान तीर्थ यात्रियों की भीड़ को देख विष्णुपद के आसपास विश्राम गृह के रूप में डेवलप किया जाये. जिला पदाधिकारी ने आर्किटेक्चर को स्पष्ट कहा कि मंदिर की भव्यता, मंदिर का व्यू व मंदिर की खूबसूरती को ध्यान में रखते हुए मॉडल बनाएं. मंदिर के बाहरी परिसर जहां वर्तमान में पितृपक्ष मेला महोत्सव होता है, उक्त स्थान को पूरी तरह खाली व समतल रखें. उन्होंने कहा कि पितृपक्ष के दौरान गर्भ गृह में तीर्थ यात्रियों को पूजा करने के लिए बाहरी परिसर में कतारबद्ध लाइन में खड़ा होना पड़ता है, इसके लिए शेड की अनुरूप कोई प्लान तैयार करें.डीएम ने नगर आयुक्त को दिये निर्देश
डीएम ने मंदिर के बाहरी परिसर, विवाह मंडप के प्रथम तल, तुलसी उद्यान, श्मशान घाट सहित कई क्षेत्रों का भ्रमण कर स्थल निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम ने संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को कई सुझाव भी दिये. इस निरीक्षण के बाद जिला पदाधिकारी ने पुरोहितों को बताया कि 10 से 15 जून के बीच गया जी डैम की गाद की सफाई प्रारंभ हो जायेगी. इस क्रम में जिला पदाधिकारी ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि श्मशान घाट के पुराने शेड की बाउंड्री वॉल काफी जर्जर स्थिति में है. उसे हर हाल में डिमोलिश कराना सुनिश्चित करें. बैठक व निरीक्षण के क्रम में वरीय उप समाहर्ता पर्यटन विभाग गया आनंद प्रकाश, पर्यटन विकास निगम पटना के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, आर्किटेक्ट, विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के पुरोहित उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है