गया. गुड फ्राइडे पर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित गिरजाघरों में विशेष आराधना सभा, क्रूस के सात वाणी पर प्रवचन, गीत सहित विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. सीएनआइ चर्च में गुड फ्राइडे आस्था के साथ मनाया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर में आराधना सभा से की गयी. इसके बाद क्रूस के सात वाणी पर चर्च के फादर अमन पोर द्वारा प्रवचन दिया गया. चर्च कमेटी के सचिव सुनील कुमार ने बताया कि इस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था. प्रभु यीशु के प्रति सच्ची विचारधारा धारण करते हुए एक-दूसरे को उन ईसाइयों से रूबरू करवाते थे, जिसे ईसा मसीह ने मानव कल्याण और प्रेम के लिए कहा था. इस मौके पर ईसाई समुदाय द्वारा प्रभु यीशु को समर्पित भजन की प्रस्तुति दी गयी. कार्यक्रम में काफी लोग शामिल होकर प्रभु यीशु के सात वाणी को सुना. गीत के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया. बैपटिस्ट मिशन गया चर्च में मध्य प्रदेश के कटनी से आये जय मोसेस बाइबिल से यीशु मसीह के प्रेम संदेश को दिया. उन्होंने बताया कि कि यीशु ने अपना जीवन दूसरे के लिए जिये. हमें भी ऐसा ही जीवन को दूसरे के लिए जीना है.
कैथोलिक समुदाय की ओर से विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन
प्रभु यीशु के पावन बलिदान व क्रूस पर मृत्यु के स्मरण का पर्व ‘गुड फ्राइडे’ श्रद्धा, त्याग, प्रार्थना व उपवास के साथ संपन्न हुआ. इस अवसर पर कटारी रोड स्थित सेंट थॉमस कैथोलिक चर्च में रोमन कैथोलिक समुदाय द्वारा विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व पल्ली पुरोहित फादर थॉमस ओलिकाथोट्टी व फादर येसुराज ने किया. फादर येसुराज ने प्रवचन में कहा कि यीशु ने मानवता को पाप और बुराई की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. उनका यह बलिदान दया, क्षमा, करुणा और प्रेम का प्रतीक है, जिसे हर इंसान को अपने जीवन में अपनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु के क्रूस का बलिदान मानव मुक्ति का रहस्य है और यह ईश्वर के असीम प्रेम का साक्षात प्रमाण है. उन्होंने यीशु के कलवारी की यात्रा, उनकी पीड़ा और सूली पर बलिदान का भावपूर्ण वर्णन किया. इस अवसर पर विशेष महाप्रार्थना सभा में भाग लेते हुए श्रद्धालुओं ने देश की एकता, अखंडता, विश्व शांति व मानव कल्याण के लिए सामूहिक प्रार्थना की. धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर तीन बजे क्रूस रास्ता की प्रार्थना से हुई. शाम छह बजे क्रूस की उपासना के साथ इसका समापन हुआ. श्रद्धालुओं ने चौदह पड़ावों पर जाकर प्रभु यीशु की यातनाओं, थकान, भूख, प्यास, मृत्यु और दफन को स्मरण किया. इस दौरान ईसा की माता मरियम और येरुशलेम की स्त्रियों से भावुक मुलाकात का भी स्मरण किया गया. कार्यक्रम में सिस्टर रोसलिन, सिस्टर अनिता तिग्गा, सिस्टर अरुणा, ब्रदर प्रताप प्रधान, फ्लोरा बेंजामिन, सचिन, अमृतराज, प्रिय रंजन ड्वायर, प्रभा मिंज, मारग्रेट सैमुएल, राजन सिन्हा, क्रिस्टोफर बेंजामिन, जेवियर, इंस्पेक्टर राजकुमार, रेमी कुजूर, रजनी किंडो, फ्रांसिस सैमुएल सहित कई अन्य शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है