डीएम ने कहा-और भी जमीनों की चल रही जांच
मुख्य संवाददाता, गया जी.
जिले की कई जमीनों की वर्षों से खरीद-बिक्री पर लगी रोक को डीएम ने हटा दिया है. गुरुवार को डीएम शशांक शुभंकर ने बताया कि 2012-13 में कुछ जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगी थी. रोक सूची से उनकी जमीनों के खाता व खेसरा को जांचोपरांत हटाया गया है. कुल 11 जमीनों को रोक सूची से हटाया है. डीएम ने अपर समाहर्ता राजस्व व जिला अवर निबंधन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि अन्य जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगयी है, उसकी फाइल प्रस्तुत करें.11 जमीनों को रोक सूची से हटाया
डीएम ने बताया कि मानपुर के परोरिया मौजा अंतर्गत चंदन कुमार की जमीन वर्ष 2012 से रोक सूची में थी़ उसको रोक सूची से हटाया गया. नगर अंचल के खरखुरा मौजा अंतर्गत सुरेश कुमार मौर्य की जमीन वर्ष 2013 से रोक सूची में थी, जिसे रोक सूची से हटायी गयी. नगर अंचल के मुरारपुर मौजा अंतर्गत जितेंद्र कुमार चरण पहाड़ी की जमीन वर्ष 2015 से रोक सूची में थी, उसे रोक सूची से हटायी गयी. बोधगया अंचल के अमवा मौजा अंतर्गत अंबिका प्रसाद सिंह की जमीन वर्ष 2012 से रोक सूची में था. उसको रोक सूची से हटाया गया. नगर अंचल के पहसी मौजा पवारगंज बागेश्वरी रोड गया अंतर्गत लीला कुमारी की जमीन वर्ष 2012 से रोक सूची में थी. उसको रोक सूची से हटाया गया. नगर अंचल के कंडी नवादा मौजा अंतर्गत रीता सिन्हा उर्फ शर्मिला सिन्हा की जमीन वर्ष 2013 से रोक सूची में थी. उसको रोक सूची से हटाया गया. नगर अंचल के बड़की तकेया मौजा अंतर्गत श्री भोला प्रसाद की जमीन वर्ष 2012 से रोक सूची में थी. उसको रोक सूची से हटाया गया. मानपुर अंचल के भदेजी मौजा अंतर्गत बलिराम वर्मा उर्फ बलिराम प्रसाद वगैरह की जमीन वर्ष 2012 से रोक सूची में थी. उसको रोक सूची से हटाया गया. नगर अंचल के केसरू धर्मपुर मौजा अंतर्गत मो तैयब व अन्य की जमीन वर्ष 2013 से रोक सूची में थी. उसके रोक सूची से हटाया गया. नगर अंचल के चंदौती मौजा गांव मुहल्ला महावीर कॉलोनी अंतर्गत संतोष कुमार सिंह की जमीन वर्ष 2012 से रोक सूची में थी. उसको रोक सूची से हटाया गया. बोधगया अंचल के बोधगया मौजा अंतर्गत आलोक कुमार की जमीन रोक सूची में थी. उसको रोक सूची से हटाया गया.जमीन रजिस्ट्री पर लगी रोक के मामलों की हो रही जांच
डीएम ने बताया कि पूर्व से काफी जमीनों के निबंध पर रोक लगी है. इसमें बहुत जमीनों की जांच चल रही है. जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि रोक सूची से संबंधित जमीन की जांच तेजी से कराएं. जो जमीन वास्तव में रैयत है, हर प्रकार के विवाद से मुक्त है, उसके निबंध के लिए अनुशंसा की जाये. डीएम ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता जो लंबे समय से अपनी जमीन की रोक सूची से परेशान हैं. उनकी समस्या का जांच कर निराकरण कराएं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है