शेरघाटी. एसडीजेएम कोर्ट शेरघाटी ने डुमरिया थाना कांड संख्या 26/14 के आरोपित धर्मेंद्र कुमार के साथ पुलिस के द्वारा की गयी मारपीट की झूठी चिकित्सा रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के मामले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बांकेबाजार के डॉ अरविंद कुमार, अनुमंडलीय अस्पताल की डॉ अर्चना कुमारी व मैगरा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष सौरभ कुमार के विरुद्ध 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. कोर्ट ने ट्रेजरी ऑफिसर को निर्देशित किया है कि तीनों व्यक्तियों के वेतन से जुर्माने की 10-10 हजार की काट कर कुल 30 हजार रुपये पीड़ित बंदी धर्मेंद्र कुमार के खाते में जमा करवायी जाये. इस मामले को लेकर एसडीजेएम रोहित सिन्हा के कोर्ट में मिसलेनियस केस 1/25 खोला गया था. उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी को डुमरिया थाना कांड संख्या 26/14 के आरोपित धर्मेंद्र कुमार को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. बंदी के चेहरे पर मारपीट और सूजन के चिह्न दिखने पर कोर्ट ने उसका मेडिकल टेस्ट के लिए अनुमंडलीय अस्पताल शेरघाटी भेजा. वहां ड्यूटी पर तैनात डॉ अर्चना कुमारी ने उसे इंजेक्शन लगाया. इसके बाद अपनी रिपोर्ट में उसे फिट बताया, जबकि इसके पूर्व बांकेबाजार के चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार ने बगैर पीड़ित को देखे उसे फिट होने का सर्टिफिकेट दे दिया था. इसके बाद पीड़ित को जेल भेज दिया गया. जेल में तैनात चिकित्सक डॉ रघुनंदन कुमार ने उसका हेल्थ चेकअप किया. इसमें उसके चेहरे, पीठ, गर्दन आदि पर चोट के निशान होने की बात कही. तत्पश्चात उसे एक्स-रे के लिए शेरघाटी अस्पताल भेजा और उसका इलाज शुरू किया. इधर कोर्ट ने कहा कि पीड़ित धर्मेंद्र कुमार के द्वारा कोर्ट के समक्ष आवेदन देकर बताया गया है कि मैगरा थानेदार के द्वारा 28 जनवरी 2025 को उसे गिरफ्तार करने के बाद जगह-जगह पर ले जाकर उसके साथ मारपीट की गयी. वहीं पीड़ित की पत्नी संजू देवी ने कहा है कि थानेदार के द्वारा उसके साथ भी धक्का-मुक्की और बदसलूकी की गयी. उल्लेखनीय है कि सौरभ कुमार मैगरा के तत्कालीन थानाध्यक्ष थे. उन्हें मैगरा थाने से वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा हटा दिया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है