बोधगया. बोधगया भ्रमण पर पहुंचे भारत में तैनात जापान के राजदूत ओनो केइची ने महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना व मंदिर परिसर का अवलोकन करने के बाद कहा कि महाबोधि मंदिर भारत व जापान के बीच सेतु का काम करेगा. उन्होंने मंदिर के विजिटर बुक में अपने उद्गगार व्यक्त करते हुए लिखा है कि बौद्ध धर्म व जापान के लिए यादगार स्थल की यात्रा बहुत ही यादगार रही. वह यहां के भिक्षुओं व अन्य लोगों के समर्पण ओर भक्ति से प्रभावित हैं. उन्होंने आशा व्यक्त किया कि यह मंदिर जापान व भारत के बीच एक सेतु बनेगा. इससे पहले उन्होंने अपने साथ आये दूतावास के पदाधिकारियों के साथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की व बोधिवृक्ष को नमन कर मंदिर परिसर स्थित साधना उद्यान स्थित शांति घंट को बजाया. भिक्षु डॉ मनोज ने उन्हें पूजा-अर्चना करायी व मंदिर प्रबंधन की ओर से बीटीएमसी की सचिव डॉ महाश्वेता महारथी, सदस्य डॉ अरविंद सिंह, किरण लामा व अन्य ने मेमेंटो व कॉफी टेबल बुक भेंट कर सम्मानित किया. महाबोधि मंदिर में पूजा-दर्शन के बाद जापानी राजदूत ने 80 फुट बुद्ध मूर्ति का दर्शन किया व गया एयरपोर्ट के रास्ते दिल्ली के लिए प्रस्थान किया.
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