गया जी़ नगर निकाय क्षेत्र में हाइमास्ट लाइट लगाने की प्रक्रिया को अब व्यवस्थित और पारदर्शी बनायी जायेगी. इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग ने निर्देश जारी कर दिया है. शुक्रवार को विभाग के परियोजना पदाधिकारी सह अपर निदेशक ने पत्र जारी कर हाइमास्ट लगाने के लिए स्थल चयन के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया. अब तक की व्यवस्था के अनुसार, पार्षदों द्वारा मनमाने ढंग से स्थल चयन कर हाइमास्ट लाइट लगाने के लिए सूची निगम को दी जाती थी. इनमें कई ऐसे स्थान भी शामिल होते थे, जहां इसकी जरूरत नहीं थी. वर्तमान में भी कई स्थानों पर पुराने तरीके से ही लाइट लगायी जा रही है. विभागीय अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि अब हाइमास्ट लाइट केवल विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप ही लगायी जायेंगी. साथ ही, इन लाइटों के रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी संबंधित नगर निकाय की होगी.
देखभाल में हो रही है लापरवाही
अभी भी सिकरिया मोड़ और खटकाचक मोड़ जैसे कई स्थानों पर हाइमास्ट लाइट दिन-रात जलती रहती हैं. समय पर मरम्मत नहीं होने से ये लाइटें लंबे समय तक खराब पड़ी रहती हैं. निगम सूत्रों का कहना है कि निगम की बैठकों में अक्सर खरीद और रखरखाव एजेंसी के चयन पर ज्यादा चर्चा होती है, लेकिन उनके कार्यों की निगरानी पर अपेक्षित ध्यान नहीं दिया जाता.स्थल चयन से पहले होगी कमेटी की जांच
विभागीय निर्देश के अनुसार, अब हाइमास्ट लाइट लगाने से पहले स्थल की जांच के लिए एक समिति गठित की जायेगी. इसमें उप नगर आयुक्त, नगर प्रबंधक, लोक स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी, बिजली विभाग के अभियंता, डीएम द्वारा नामित प्रतिनिधि, नगर निकाय के कनीय अभियंता एवं संबंधित वार्ड के पार्षद शामिल होंगे.बोर्ड से होगी स्वीकृति, फिर निकलेगी निविदा
समिति द्वारा चयनित स्थलों पर अनुमानित खर्च और विद्युत भार का आकलन कर प्रस्ताव सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड से अनुमोदित कराना अनिवार्य होगा. इसके पश्चात भवन निर्माण विभाग द्वारा अनुमोदित एस्टिमेट के अनुसार रखरखाव की योजना तैयार की जायेगी. अंततः कार्य के लिए इ-टेंडरिंग के माध्यम से निविदा आमंत्रित की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है