गया जी. तंबाकू के सेवन से मुंह व फेफड़े का कैंसर होने का खतरा हर वक्त बना रहता है. देश में प्रतिदिन लगभग 2500 लोगों की मौत तंबाकू की वजह से होती है. उक्त बातें जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने शनिवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर जेपीएन अस्पताल सभागार में कही. उन्होंने कहा कि ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे के मुताबिक भारत में 35 प्रतिशत लोग तंबाकू का इस्तेमाल विभिन्न रूप में करते हैं. 20 प्रतिशत लोग खैनी, गुटखा, गुल आदि के रूप में करते हैं. 10 प्रतिशत लोग सिगरेट, बीड़ी आदि के रूप में तंंबाकू का इस्तेमाल करते हैं. पांच प्रतिशत लोग इन दोनों का इस्तेमाल करते हैं. तंबाकू के सेवन से सामाजिक, शारीरिक और आर्थिक नुकसान होता है. डॉ हक बताया कि लोगों को तंबाकू के सेवन से बचाने और उसके खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष इस दिवस की थीम अनमास्किंग द अपील: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना है.
डॉक्टरों ने निकाली जागरूकता रैली
इधर विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर आइएमए कार्यालय से स्वास्थ्यकर्मियों व समाजसेवियों की एक जागरूकता रैली निकाली गयी. आइएमएम, स्वास्थ्य विभाग तथा ब्रह्मऋृषि संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में निकाली गयी. इंडियन मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि जागरूकता रैली के माध्यम से लोगों में तंबाकू सेवन के गंभीर परिणामों के बारे में जागरूक किया गया. उन्होंने बताया कि तंबाकू छोड़ने के कई फायदे हैं. ह्रदय की धड़कन और रक्तचाप सामान्य होता है. रक्त में ऑक्सीजन का स्तर बेहतर होता है. रक्त संचार और फेफड़े बेहतर काम करते हैं. इस मौके पर डॉ विमलेंदू विमल, डॉ डीके सहाय, डॉ डीबी सिंह, संजय कुमार, अजय चेरोबिम व अन्य मौजूद थे.
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