बोधगया. भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम), बोधगया में लखपति दीदी योजना के अंतर्गत एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका उद्देश्य जीविका से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्वरोजगार के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना था. कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर, मधुबनी और पूर्वी चंपारण जिलों से 87 चयनित लखपति दीदियों ने भाग लिया. ये सभी स्वंयसहायता समूह की सदस्य हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में छोटे स्तर पर उद्यम चला रही हैं. जीविका के प्रबंधक (मूल्यांकन एवं अनुश्रवण) राकेश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान दीदियों को उद्यमशीलता की मानसिकता, नेतृत्व विकास, व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन, मार्केटिंग कौशल, साइबर सुरक्षा और सामाजिक कौशल जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण सत्रों का संचालन आईआईएम के प्रोफेसरों एवं क्षेत्रीय विशेषज्ञों द्वारा किया गया. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल तकनीकी जानकारी तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य महिलाओं को समाज में नेतृत्व की भूमिका के लिए प्रेरित करना भी था. दीदियों ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताते हुए कहा कि उन्हें ऐसे कई विषयों की जानकारी मिली जो उनके व्यवसाय और व्यक्तिगत जीवन दोनों में सहायक सिद्ध होंगे. कार्यक्रम के दौरान दीदियों को बताया गया कि किस तरह वे अपने वित्तीय निर्णयों को बेहतर बना सकती हैं, डिजिटल लेनदेन के दौरान सुरक्षित रह सकती हैं, और स्थानीय बाजार में अपने उत्पादों की पहुंच बढ़ा सकती हैं. जिला परियोजना प्रबंधक आचार्य मम्मट ने कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनायेगा, बल्कि उन्हें अपने समुदाय में नेतृत्व करने के लिए भी तैयार करेगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि लखपति दीदियों की सफलता से अन्य महिलाएं भी प्रेरणा लेंगी. प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किये गये. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत किया गया और इसे लखपति दीदी योजना को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.
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