मोरहर नदी में अधिक पानी होने के कारण समय से नहीं मिल पाया इलाज
प्रतिनिधि, इमामगंज.
प्रखंड की सुदूरवर्ती सलैया पंचायत के हेरहंज गांव चारों ओर से नदी से घिरा हुआ है. नदी में अधिक पानी होने के कारण इलाज के अभाव में एक अधेड़ ग्रामीण की मौत हो गयी. मृतक की पहचान 45 वर्षीय निरंजन महतो के रूप में हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर गांव आने के लिए नदी पर पुल बना होता, तो निरंजन महतो की जान बचायी जा सकती थी. जब-जब चुनाव आता है, तो जनप्रतिनिधियों का गांव आना-जाना तेज हो जाता है. भोले-भाले ग्रामीणों को अपने झांसे में लेकर नेता वोट लेकर चले जाते हैं. लेकिन, अपने वादा को नहीं निभाते हैं. यही कारण रहा कि बिहार विधानसभा के उप चुनाव और पैक्स चुनाव में हेरहंज, केवलडीह और पथरा गांवों के ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार किया था. उस वक्त अधिकारी ने गांव आकर आश्वासन दिया था कि पुल का निर्माण होगा. लेकिन, आज तक पुल का निर्माण नहीं हुआ.जान जोखिम में डाल कर नदी को किया पार
ग्रामीणों ने बताया कि निरंजन महतो की इलाज के अभाव में मौत होने के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीण नदी की तेज धार को पार करते हुए श्मशान घाट पहुंचे. वहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. नदी पार करना जोखिम भरा कार्य था. नदी पार करते समय कई लोग पानी के तेज बहाव से बाल-बाल बच गये.तीन नदियों से घिरे हैं तीन गांव
प्रखंड से तीस किलोमीटर और सलैया से दस किलोमीटर की दूरी पर हेरहंज, केवलडीह और पथरा गांव बसा हुआ है. इन गांवों में जाने के लिए मोरहर, जोगनी और सुखाड़ी नदी को पार करना पड़ता है. इन नदियों पर आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो सका है. इन गांवों के वृद्ध लोग बताते हैं कि कितने नेता आये और सबों ने खूब आश्वासन दिया. लेकिन, आज तक हमलोगों की समस्या को दूर नहीं किया. इसी से तंग आकर चुनाव के दौरान वोट बहिष्कार किया गया था. अधिकारी और नेता एयरकंडीशन कमरा से निकल कर इस गांव में रात बिताये, तो समझ में आता कि ग्रामीण किस दर्द के साथ रात बिताने पर मजबूर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है